आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज चंद्रागिरी तीर्थ छत्तीसगढ़ में 77 वर्ष की आयु में ब्रह्म में हुए लीन
ब्रह्मवाक्य/धर्म अध्यात्म। जैन समाज के आचार्य विद्यासागर ने आज समाधि ले ली। समाधि के तीन दिन पहले से उपवास में थे , और कल रात में लगभग 2:34 में आचार्य ने 77 साल की उम्र में अपना देह त्याग दिए। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में अपना शरीर त्याग दिए। समाधि के एक दिन पूर्व अखंड मौन व्रत में थे। आचार्य के शरीर त्यागने की खबर पाते ही सभी लोगों की भीड़ लग गई। जैन समाज के लिए आज का दिन बहुत कष्टदायक है।
आचार्य विद्यासागर के गुरु ज्ञान सागर समाधि लेने से पहले विद्यासागर को पद सौंप दिया था । 26 साल की उम्र में ही विद्यासागर आचार्य बन गए थे। अभी 5 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी डोंगरगढ़ पहुंचकर उनके दर्शन और आशीर्वाद लिया। पीएम मोदी ने एक पोस्ट भी किया था सोशल मीडिया में, और लिखा था कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर मुझे धन्य महसूस हो रहा हैं।आचार्य विद्यासागर जी ने अपना देह त्यागने से पहले अपने शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि समयसागर को सौंपे थे। यह फैसला 6 फरवरी को ही लिए थे। आचार्य विद्यासागर जी ने जैन समाज के बहुत बड़े दिग्गज आचार्य थे।