Phone Harming children: अगर आप अपने बच्चे का ब्राइट फ्यूचर चाहते है तो, उन्हें रखें मोबाइल फोन से रखें दूर

ब्रह्मवाक्य हेल्थ। आजकल के अभिभावकों की समस्या यह है कि उनके बच्चो को फोन की बहुत आदत लग चुकी है। आजकल बच्‍चों की परवरिश में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। इस समय छोटे उम्र के बच्‍चे स्‍मार्टफोन के आदी हो गए हैं, वो दिन भर यूट्यूब में वीडियो और घंटों मोबाइल पर गेम्स खेलते हैं। जब आप बच्‍चों से फोन लेने की कोशिश करते हैं तो वह टैंट्रम करने लगते है। और गुस्‍सा करने लगते हैं। पर फोन देखने से बच्चो के सेहत के साथ-साथ उनकी मेंटल हेल्‍थ भी खराब हो रही है। आजकल के बच्चे स्कूल जाने से पहले मोबाइल चलाते है।

छोटी उम्र के बच्चों को फोन देने से उनकी सेहत में बहुत असर पड़ता है आप अपने बच्चो को फोन से हमेशा दूर रखें क्योंकि इसका सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ता है टीनएज बच्‍चों के लिए ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 घंटा जिसमें वे अपनी पढ़ाई कर सकें। इस तरह वो वे इंटरनेट का सही उपयोग कर पाएंगे और उनकी हेल्थ पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

फोन देखने के क्या -क्या नुकसान-

1- मानसिक विकास में बाधा
छोटे बच्चे अगर मोबाइल देखते है तो मानसिक विकास रुक जाता है जो बच्चा लगातार फोन देखता है उसे किसी दूसरे काम में रूचि नहीं और बच्चे खाना पीना तक छोड़ देते है। इसकी वजह से बच्चों के मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ता है। और बच्चो की आँखे भी ख़राब होती है, अब बहुत छोटे -छोटे बच्चो को चश्मा लगने लगा है।

2- बच्चे की आदतों में परिवर्तन
जो लगातार फोन का इस्तेमाल करते है, उनके स्वाभाव में बदलाव आने लगते है बच्चे का पढाई व अन्य किसी कार्य में मन नहीं लगता है अगर आप उससे फोन छीनते है तो चिल्लाने और रोने लगता है ताकि उसकी बात मान ली जाये।

3- बन सकता है ट्यूमर
जो बच्चे देखते उन्हें ट्यूमर होने के चांस बढ़ जाते है। एक शोध में पाया गया कि मोबाइल से जो रेडियन्स निकलते है उससे बच्चो में ट्यूमर बनने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अपने बच्चे से मोबाइल दूर रखें।

4- डिप्रेशन प्रॉब्लम
मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे की डिप्रेशन हो सकता है। इससे आपका बच्चा चिड़चिड़ा और गुस्सैल होने लगता है। और उसे फोन के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता है। ऐसे में बच्चे गलत कदम उठा लेते है।

5- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
मोबाइल से बच्चों को न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी हो सकता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि मोबाइल फोन की रेडिएशन की वजह से बच्चों को न्यूरोलॉजिलक डिसऑर्डर होने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है। इस तरह के डिसऑर्डर से आपके बच्चे के चलने, सांस लेने, किसी नए काम को सीखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। साथ बच्चे की याददाश्त कम होने लगती है और सीखने की क्षमता काम होती है।

कैसे दूर कराएं ये आदत-
आप अपने बच्चे को बाहर खेलने के लिए ले जाएँ ,ज्यादा से ज्यादा बच्चे के साथ समय बिताएं, बच्चे को पेंटिंग, डांसिंग आदि एक्टिविटीज करवाएं। अगर बच्चा रोये तो उसका मन डायबर्ट करें और फोन कि जगह कोई टॉय लेकर दें।अपने फोन पर हमेशा पासवर्ड का करें प्रयोग करें अगर बच्‍चा ज्यादा मोबाइल देखने लगा तो आप उसे प्‍यार से हेल्‍प करने की बात कहें। बच्चे को ज्यादा से ज्यादा बिजी रखें। बच्‍चे जितना बिजी रहेंगे मोबाइल का उतना कम इस्‍तेमाल करेंगे.

 

Sameeksha mishra

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