Monsoon Diseases: बारिश का मौसम शुरू होते ही बढ़ता है इन बिमारियों का खतरा, पहले ही हो जाइये अलर्ट
ब्रह्मवाक्य हेल्थ। मानसून सीजन आ गया है। इस मौसम के बदलने से कई बिमारियों का खतरा बढ़ता है। बरसात के मौसम में भी कई सीजनल बीमारियां होती हैं बारिश के मौसम में जगह-जगह जल भराव होता है जिससे मच्छर बढ़ते है और बीमारियां आती है। अगर इन बिमारियों का इलाज सही ढंग से न कराया जाये तो ये गंभीर रूप ले सकती है। आइये जानते है इस मौसम में कौन-कौन सी बीमारियां होती है और इन बिमारियों हम आपको बारिश के मौसम से होने वाली बिमारियों से बचने के कुछ तरीके बताते है जिससे इन बिमारियों से काफी हद तक आराम मिलता है।
1.मलेरिया–
मलेरिया एक गंभीर बुखार है अगर इसका तत्काल उपचार नहीं हुआ तो इससे मौत भी हो जाती है। मलेरिया होने पर आपको थकान, ठंड के साथ तेज बुखार, सिरदर्द, बेचैनी जैसे लक्षण हो सकते हैं। मलेरिया की बीमारी छोटे बच्चो एवं गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही खतरनाक होती है।
बचाव-
बारिश सीजन आने परकूलर, छत में रखे कंटेनर आदि का पानी हटा दें और बाहर के खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। मलेरिया के लक्षण होने पर तुरंत डॉ के पास जाये एवं दवाइयों का पूरा कोर्स लें। मलेरिया वाले मरीज को तरल पदार्थ देने चाहिए और हल्का भोजन घर का बना हुआ दें।
2.उल्टी-दस्त-
बारिश के सीजन में उल्टी-दस्त की बीमारी भी बढ़ जाती है। यह समस्या दूषित पानी और खाना कहने से होती है। इस सीजन में साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। बारिश के मौसम में खाने के जरिये से गंदगी पेट के अंदर चली जाती है जिस कारण उल्टी-दस्त की समस्या हो जाती है।
बचाव-
अगर आप उल्टी-दस्त की समस्या से परेशान है तो आप सबसे पहले उबला पानी पीना शुरू कर दे। बारिश के मौसम में पानी को उबाल कर नियमित पियें। आप किसी अच्छे डॉ को दिखाएँ और पानी अधिक मात्रा में पियें बॉडी में पानी की कमी न होने दें साथ ही हल्का भोजन लें।उल्टी-दस्त की समस्या में भी जंक फ़ूड बिलकुल न खाएं।
3.वायरल इंफेक्शन-
इस मौसम में वायरल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगो की इम्युनिटी कमजोर होती है वो लोग इस मौसम में जल्द बीमार होते है और इनको वायरल इंफेक्शन, फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन आदि के होने का खतरा बढ़ जाता है।
बचाव –
तेज बुखार आने पर आप सबसे पहले तो डॉ को दिखाइए। बिना परामर्श कोई भी दवाई न लें, इस सीजन में तो जंक फ़ूड एवॉइड करें एवं गर्म और तरल भोजन सूप व खिचड़ी का सेवन करें।