अमेरिका में भारतीय दूतावास में सिरफिरे खालिस्तान समर्थकों ने लगा दी आग, भारत ने अपनाया कड़ा रुख
ब्रह्मवाक्य, एजेंसी। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में रविवार देर रात सिरफिरे खालिस्तान समर्थकों ने आग लगा दी। आग पर तुरंत काबू पा लिया गया। हादसे में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। दूतावास में आग लगाने के बाद खालिस्तान समर्थकों ने घटना का वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया।
अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यु मिलर ने कहा कि अमरीका आगजनी की घटना की कड़ी निंदा करता है। इस मामले में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अमरीका में खालिस्तान समर्थक भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और महावाणिज्य दूत डॉ. टी.वी. नागेंद्र प्रसाद को निशाना बनाते हुए पोस्टर्स सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। वे इन दोनों पर कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगा रहे हैं। जून में निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निज्जर आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का चीफ था। वह कनाडा में रहते हुए लंबे समय से पंजाब में खालिस्तानी मूवमेंट को हवा दे रहा था।
आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद कनाडा में खालिस्तान समर्थक बौखला गए हैं। वे कनाडा के टोरंटो में जगह-जगह किल इंडिया नाम से पोस्टर लगा रहे हैं। इसमें 8 जुलाई को फ्रीडम रैली निकालने का आह्वान है। इसको लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया से कहा है कि खालिस्तान समर्थकों को नाजायज छूट नहीं दी जानी चाहिए। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय डिप्लोमेट्स की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। कनाडा की विदेश मंत्री मेलेनी जोली ने कहा कि हमने भारतीय डिप्लोमेट्स की सुरक्षा का मामला गंभीरता से लिया है। कनाडा की रक्षामंत्री अनीता आनंद ने कहा कि कनाडा की सरकार अपनी धरती पर राजनयिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने भी सुरक्षा पर गंभीरता से ध्यान देने का आश्वासन दिया है।
सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में कुछ माह पहले भी खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था। तब खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए और सुरक्षा बैरियर्स तोड़ दिए गए। इससे पहले लंदन के भारतीय दूतावास में भी खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था। इसे लेकर भारत ने कड़ा विरोध जताते हुए भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त के आवास के सामने से सुरक्षा हटा दी थी।