सतना के डॉ. मुकेश त्रिपाठी बने आयरनमैन; गोवा में आयोजित स्विमिंग, साइकिलिंग और रनिंग विधाओं में मारी बाजी

ब्रह्मवाक्य/सतना। मध्यप्रदेश के सतना शहर के प्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश त्रिपाठी ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वे 8 अक्टूबर को गोवा में आयोजित आयरन मैन 70.3 प्रतियोगिता में भाग लिए। वहां शारीरिक क्षमताओं के उच्चतम स्तर को प्राप्त करते हुए निर्धारित समय के अंदर स्विमिंग, साइकिलिंग एवं रनिंग तीनों विधाओं को पूरा करने के बाद खेल जगत के बेहद प्रतिष्ठित आयरन मैन का खिताब अपने नाम किया है। आयरनमैन बनने पर देश-प्रदेश के चिकित्सकों समेत समर्थकों ने खुशी जाहिर कर उज्जवल भविष्य की कामनाएं की है।

113 किलोमीटर की दूरी की फतह
प्रतिष्ठित वैश्विक ट्रायथलॉन आयरनमैन को व्यापक रूप से दुनिया के सबसे कठिन खेल आयोजनों में से एक माना जाता है। इसमें प्रतियोगियों को 8 घंटे और 30 मिनट के कट-ऑफ समय में 70.3 मील (113 किलोमीटर) की दूरी तय करनी होती है। जिसमें तैरना, साइकिल चलाना और दौड़ना होता है (फुल आयरनमैन दौड़ 140.6 मील या 226.3 किलोमीटर की संयुक्त लंबाई होती है)।

दौड़ में खतरा, 2 से 4 किलो वजन होता है कम
इस प्रतियोगिता की कठिनाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आमतौर पर फिनिश लाइन तक आते आते एथलीटों का वजन 2 से 4 किलोग्राम तक कम हो जाता है। भारत में अपने तीसरे संस्करण में, इस वर्ष आयरनमैन 70.3 गोवा के मिरामार बीच पर 1.9 किमी की तैराकी के साथ शुरू हुई। इसके बाद 90 किमी की साइकिलिंग और अंत में 21.1 किमी की दौड़ के साथ पणजी में समाप्त हुई। इस प्रतियोगिता में 30 से अधिक देशों के लगभग 1200 प्रतियोगियों ने भाग लिया।

सशस्त्र बलों से 75 से अधिक प्रतिभागी आए
भारत में आयरनमैन (आयरनमैन इंडिया) ब्रांड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक राज ने बताया कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतियोगी विभिन्न कार्य क्षेत्रों और आयु वर्ग से आते हैं। इस बार सशस्त्र बलों से 75 से अधिक प्रतिभागी, कारपोरेट जगत के अनेक सीईओ, सीएफओ और प्रबंधन कर्मियों से लेकर 18-वर्षीय युवा पंजीकरण के लिए कतार में खड़े थे। तो वहीं मुंबई के 70 वर्षीय एरीज़ खरास और 66 वर्षीय परवीन बाटलीवाला, जो आयरनमैन 70.3 में सबसे बुजुर्ग पुरुष और महिला हैं, ने भी भाग लिया।

राष्ट्रीय स्तर के साइक्लिस्ट
इस अनूठी उपलब्धि को हासिल करने वाले सतना के डाॅ. मुकेश त्रिपाठी कई वर्षों से साइकलिंग करते रहे हैं। वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने माने साइक्लिस्ट हैं। डाॅ. मुकेश ले बताया कि वह काफी समय से साइकलिंग करते हुए सोचते थे कि इसके आगे क्या कर सकते हैं जो उनकी शारीरिक क्षमताओं एवं ढृढ़ता को अगले स्तर पर ले जा सकता है। तब शारीरिक एवं मानसिक रूप से दृढ़ता की परीक्षा लेने वाली इस चुनौती को पूरा करते हुए आयरन मैन में भाग लेने का विचार बनाया।

8 महीने से कर रहे थे तैयारी
डाॅ. त्रिपाठी ने कहा कि इस कठिन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए वह आठ माह पूर्व से तैयारी कर रहे थे। इस तैयारी में विगत दिनों आयोजित मध्य प्रदेश की प्रथम सतना ट्राइथलान और सतना हाफ मैराथन को पूरा करने में सफल रहे तो उनका हौसला और मजबूत हो गया। डाॅ. मुकेश त्रिपाठी ने अपनी इस शानदार उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार एवं शुभचिंतकों को दिया है जिन्होंने सदैव उनको प्रेरित किया।

Sameeksha mishra

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