कांग्रेस की दूसरी सूची में चौंकाने वाले नाम, चाचा-भतीजे के बीच टक्कर, BJP घूमकर आए नेता पर भरोसा, तो कहीं अपनों को किया नाराज

ब्रह्मवाक्य, भोपाल। मध्यप्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची गुरुवार रात जारी की। जिसमें रीवा और मऊगंज जिले की चार विधानसभाओं के उम्मीदवार भी शामिल हैं। रीवा की शहरी सीट से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा (Rajendra Sharma) को टिकट दिया गया है, सिरमौर से रामगरीब वनवासी, सेमरिया से अभय मिश्रा और देवतालाब से पद्मेश गौतम को प्रत्याशी बनाया गया है। बतादें कि पद्मेश गौतम विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के भतीजे हैं। वहीं रीवा सीट से टिकट की उम्मीद लगाए बैठीं वरिष्ट महिला नेता कविता पांडे ख़फ़ा हो गईं। उन्होंने फेसबुक पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी पद छोड़ने की बात कही है।

देवतालाब रीवा विधानसभा सीट
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के क्षेत्र देवतालाब में चाचा और भतीजे के बीच टक्कर देखने को मिलेगा। इस हाई प्रोफाइल सीट पर भाजपा नेता व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के विरुद्ध कांग्रेस ने उनके भतीजे पद्मेश गौतम को मैदान में उतार दिया है। हालांकि, इससे पहले भी चाचा-भतीजे एक-दूसरे के विरोध में खड़े हो चुके हैं। पंचायत चुनाव में भतीजा पद्मेश अपने चाचा पर भारी पड़ गया था, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बेटे राहुल गौतम जिला पंचायत के चुनाव में हार गए थे। उन्हें अपने चचेरे भाई पद्मेश गौतम बुरी तरह हरा का सामना करना पड़ा था।

रीवा विधानसभा सीट
कांग्रेस की दूसरी सूची में चौंकाने वाले नाम समाने आये हैं। रीवा सीट से महापौर अजय मिश्रा (Mayor Ajay Mishra) का नाम लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन पार्टी ने ऐन वक्त पर राजेंद्र शर्मा को टिकट देकर सभी को चौंका दिया दिया। बतादें कि राजेंद्र शर्मा रीवा विधानसभा क्षेत्र से इससे पहले वर्ष 2008 में चुनाव लड़ चुके हैं। कांग्रेस ने उन्हें महापौर का प्रत्याशी भी बना चुकी है। लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लंबे समय से राजेंद्र शर्मा कांग्रेस के लिए काम करते आ रहे हैं।

सेमरिया विधानसभा सीट
वहीँ सेमरिया विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अभय मिश्रा को प्रत्यासी बनाया है। एक महीने पहले ही अभय मिश्रा अपनी पत्नी के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन अब फिर से कांग्रेस में आ गए हैं। अभय मिश्रा ने 2018 में रीवा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें बीजेपी के राजेंद्र शुक्ला ने हरा दिया था। अब कांग्रेस ने उन्हें सेमरिया से अपना प्रत्यासी बनाया है। इससे पहले 2008 अभय मिश्रा भाजपा के टिकट से इस सीट पर जीत हासिल की थी। 2013 में इसी से उनकी पत्नी नीलम मिश्रा भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। उसके बाद 2018 में भाजपा के केपी त्रिपाठी यहां से जीत हासिल की थी। वर्तमान विधायक केपी त्रिपाठी और पूर्व विधायक अभय मिश्रा एक दूसरे के पक्के विरोधी माने जाते हैं। इस सीट पर चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है।

सिरमौर विधानसभा सीट
कांग्रेस ने सिरमौर सीट से रामगरीब वनवासी को अपना उम्मीदवार बनाया है। रामगरीब एक आदिवासी नेता हैं जो पहले बहुजन समाज पार्टी में थे। रामगरीब वनवासी ने 2008 में त्योंथर विधानसभा सीट से बसपा की टिकट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। जबकि 2018 में रामगरीब सिरमौर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे, पार्टी ने फिर से उनपर भरोसा जताया है।

BM Dwivedi

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