सियासी अहमियत से फोकस पर मध्यप्रदेश, फिर आएंगे अमित शाह और जेपी नड्डा
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ब्रह्म वाक्य भोपाल। विधानसभा चुनाव के चलते भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मध्यप्रदेश को प्राथमिकता पर रखा है। सियासी अहमियत के कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फोकस प्रदेश के हर बड़े घटनाक्रम पर है। शाह के दौरे भी लगातार हुए है। अब विशेष जनसंपर्क अभियान में अमित शाह आने वाले हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आएंगे। लगभग हर दो महीने बाद शाह प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। आने वाले दिनों में सियासी रणनीति के तहत उनके दौरे और भी बढ़ सकते हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जनसंपर्क अभियान में केंद्रीय नेताओं के दौरे को लेकर मोर्चा संभाला है। अभियान में 16 केंद्रीय मंत्री आएंगे। अमित शाह का दौरा 22 जून को बालाघाट में होगा। जेपी नड्डा 30 जून को खरगोन आएंगे।
दोनों नेता रणनीतिक बैठक भी करेंगे
शाह-नड्डा के दौरे सियासी तौर पर प्रदेश के लिए अहम हैं। वजह ये कि पांच महीने बाद चुनाव है। उस पर भाजपा में प्रदेश में कई विवाद उभरे हैं। प्रदेश संगठन को लेकर भी असंतोष उभरे हैं। दौरा इन पर विराम लगा सकता है। दोनों ही नेता रणनीतिक बैठक भी करेंगे। समन्वय के साथ चुनावी गाइडलाइन भी मिलेगी। विवादों व असंतोष को शाह खत्म कर संगठन को मजबूती दे सकते हैं। शाह ने बीते कुछ महीनों में लगातार प्रदेश के दौरे किए हैं। 25 मार्च को छिंदवाड़ा आए थे। 24 फरवरी को सतना में आदिवासी सम्मेलन में शामिल हुए थे। 2022 में 4 दौरे किए थे। जेपी नड्डा भी बीते 26 मार्च को भोपाल आए थे।
मप्र इसलिए सियासी तौर पर अहम
- विधानसभा और फिर 2024 में लोकसभा चुनाव के कारण।
- 2018 में हार की वजह से।
- 2020 में सत्ता परिवर्तन।
- छिंदवाड़ा सीट का जिम्माशाह पर होने से।
- सियासी असंतोष के कारण
- मप्र को भाजपा का मॉडल स्टेट बनाने के प्रयास से।
- भौगोलिक, सामाजिक वअन्य संवेदनशील परिस्थिति से।
- धर्मांतरण के चलते।