कमिश्नर ने की समीक्षा बैठक कहा- कम उपलब्धि वाले अधिकारी कार्यवाही के लिए तैयार रहें
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ब्रह्मवाक्य रीवा। कमिश्नर अनिल सुचारी ने वर्चुअल माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना तथा लाड़ली बहना योजना मुख्यमंत्री जी की उच्च प्राथमिकता की योजनाएं हैं। इन योजनाओं से संबंधित जानकारियाँ दर्ज करने में कई परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजर लापरवाही बरत रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना में छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र नईगढ़ी और हनुमना परियोजना, सतना जिले की चित्रकूट परियोजना, सीधी जिले की रामपुर नैकिन एक और कुसमी परियोजना तथा सिंगरौली जिले की चितरंगी परियोजना में निर्धारित लक्ष्य से 60 प्रतिशत से कम है। आगामी सात दिनों में यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ और 70 प्रतिशत से अधिक का डाटा दर्ज नहीं हुआ तो संबंधितों की वेतन वृद्धि रोकने की कार्यवाही की जाएगी।
कमिश्नर ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना से संबंधित डाटा लक्ष्य का 95 प्रतिशत 15 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से दर्ज कराएं। लाड़ली बहना योजना में नए हितग्राहियों के बैंक खाते डीबीटी कराएं जिससे उन्हें योजना की राशि प्राप्त हो सके। लाड़ली बहना योजना के संभाग में 12 लाख 25 हजार 910 हितग्राही हैं। इनमें शेष बचे 8631 हितग्राहियों के खाते डीबीटी कराएं। अक्टूबर माह में 10 तारीख के पूर्व ही योजना की राशि जारी की जा सकती है इसलिए एक अक्टूबर तक पूरा डाटा ठीक करा लें। आंगनवाड़ी केन्द्रों में रिक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पदों पर भर्ती की जा रही है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंकसूची के संबंध में तथा अन्य आपत्तियों का सात दिवस में निराकरण करके चयन सूची की प्रक्रिया पूरी कराएं।
कमिश्नर ने आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली कनेक्शन की समीक्षा करते हुए कहा कि संभाग में 3285 आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली कनेक्शन के लिए ऊर्जा विभाग को अप्रैल माह में 10 करोड़ 63 लाख रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। अधीक्षण यंत्री इसकी नियमित समीक्षा करके 15 दिवस में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में बिजली कनेक्शन कराएं। इसकी प्रगति अभी संतोषजनक नहीं है। कमिश्नर ने एनआरसी में लक्ष्य से कम बच्चों की भर्ती पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एनआरसी में उपलब्ध बेडों में कम पोषित बच्चों की शत-प्रतिशत भर्ती कराएं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में निर्धारित मापदण्डों के अनुसार द्वितीय संतान की पात्र महिलाओं के शत-प्रतिशत आवेदन दर्ज कराएं। सभी परियोजना अधिकारी सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। समय पर डाटा फीडिंग न होने तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने पर ही सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण दर्ज होते हैं।