अनोखी शादी: बाबा साहेब आंबेडकर बने साक्षी, धरनास्थल पर लिए संविधान के साथ फेरे, जानिए पूरा मामला
ब्रह्मवाक्य, रीवा. मैरिज गार्डन या होटलों में शादियां तो खूब देखी होगी। वर-वधू को अग्नि के सात फेरे लेते भी कई बार देखा होगा, लेकिन रीवा में बुधवार को एक अनोखी शादी हुई। यह शादी मंडप के नीचे नहीं बल्कि धरनास्थल पर हुई। दरअसल अक्टूबर 2022 से धरने पर बैठे सूअर पालकों ने बेटी की शादी धरनास्थल पर ही कर दी। दूल्हा बकायदा सतना के उचेहरा से गाड़ियों में 30-40 बारातियों के साथ पहुंचा।
कलेक्ट्रेट के सामने धरनास्थल पर दूल्हा-दुल्हन के लिए कुर्सी की व्यवस्था की गई। यहीं वर-वधू ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। उसके बाद फिर बाबा आंबेडकर को साक्षी मानकर संविधान के सात फेरे लिए। बतादें कि अक्टूबर 2022 में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के बाद सूअरों को इंजेक्शन देकर मौत की नींद सुलाया। पालक इन्हीं सूअरों का मुआवजा मांग रहे हैं और धरने पर बैठे हैं।
अंजली की शादी उचेहरा के पंचमलाल उर्फ आशीष बसोर से तय हो गई। लगातार धरना दे रही शुकवरिया बसोर बताते हैं कि नातिन अंजली बसोर की शादी धरना स्थल पर ही संपन्न कराई गई। क्या करते धरने पर बैठे थे, तो यहीं शादी भी कर दी। शादी में वर-वधू ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के फोटो के सामने फेरे लिए। संयुक्त किसान मोर्चा ने नए जोड़े को संविधान की प्रति दी। मोर्चा संयोजक शिव सिंह ने वर-वधू को संविधान की शपथ दिलाई। शाम में बारिश होने पर बारातियों को दूसरी जगह ठहराया गया।