Rewa: आदिवासी कोल राजाओं के शान का प्रतीक है कोलगढ़ी

ब्रह्मवाक्य रीवा। विन्ध्य क्षेत्र में लंबे समय से गुजरात के चालुक्य शाखा के बघेल राजाओं का शासन रहा। इनका राज्य बहुत विस्तृत था। इस राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई छोटे राजाओं ने शासन किया। इनके रीवा में राजाओं से मित्रवत संबंध रहे। इसी तरह का राज्य त्योंथर में था। बघेली बोली में गढ़ी छोटे किले को कहा जाता है। कोलगढ़ी से स्पष्ट है कि यह कोल राजाओं का किला है। कोलगढ़ी रीवा जिले के त्योंथर कस्बे में ऊँचे टीले पर टमस नदी के किनारे स्थित है। पुराविदों ने इसे लगभग 200 वर्ष पुराना बताया है। वर्तमान में कोलगढ़ी जीर्ण-शीर्ण भवन है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके जीर्णोद्धार की घोषणा की है। इसके लिए 324.70 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान 9 जून को कोलगढ़ी के जीर्णोद्धार कार्य का भूमिपूजन करेंगे। कोलगढ़ी आदिवासी कोल राजाओं के वैभवशाली शासन का प्रतीक है। मुख्यमंत्री जी ने कोलगढ़ी के जीर्णोद्धार के साथ कोल संस्कृति के संरक्षण के लिए कोल संग्रहालय के निर्माण के भी निर्देश दिए हैं। इस संग्रहालय में कोल समुदाय की संस्कृति से जुड़ी वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। कोलगढ़ी को सबके गौरव का प्रतीक बनाया जाएगा।

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