भूल गई सरकार, पूरे किए नहीं वादे, देश की रक्षा में प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद का परिवार दाने-दाने को मोहताज
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ब्रह्म वाक्य, रीवा. देश की रक्षा में अपने प्राणों को न्यौछावर कर देने वाले शहीद का परिवार उपेक्षा का शिकार है। परिवार से किए गए वादों को पूरा करना अधिकारी भूल गए और अब पूरा परिवार दाने-दाने को मोहताज है। त्योंथर तहसील के ककरहा बरछा गांव में शहीद लक्ष्मीकांत द्विवेदी का परिवार रहता है। वह 4 मार्च 2021 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में शहीद हो गए थे। लक्ष्मीकांत की शहादत के बाद शासन ने एक करोड की सम्मान राशि, एक नौकरी व एक घर देने की घोषणा की थी।
शहादत के समय विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि स्कूल को शहीद का नाम व शहीद के घर तक रोड देने, त्योंथर विधायक ने भी शहीद स्मारक व गेट बनवाने की घोषणा की थी। इन घोषणाओं को अब जिम्मेदार भूल गए हैं। शहीद के परिवार को सिर्फ घर मिला है, उसकी भी आधार कीमत परिवार को ही चुकानी पड़ी। सम्मान निधि व नौकरी का दो साल बाद भी इंतजार है। शहीद लक्ष्मीकांत की पत्नी ने बताया, छग सरकार ने समय रहते अपनी सारी घोषणाओं को पूरा कर दिया था, लेकिन मप्र सरकार परिवार को भूल गई। पूरा परिवार खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है।
9 जून को सीएम से मिलेगा परिवार
9 जून को मुख्यमंत्री त्योंथर आ रहे हैं, इस दौरान परिवार मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्या बताएगा। इस संबंध में मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौंपेगे और घोषणाओं को जल्द पूरा करने की मांग करेंगे। शहीद की पत्नी ने बताया, मुख्यमंत्री को वे अपने परिवार की समस्या बताएंगे। ताकि, सरकार द्वारा की गई घोषणाएं पूरी हो सकें।
28 वर्ष से बीमार हैं पिता, दो बेटियों की जिम्मेदारी
शहीद का परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा। उनके पिता लकबे की बीमारी से ग्रसित है। वह बिस्तर से नहीं उठ पाते। घर में बुजुर्ग माता, पत्नी व दो बेटियां हैं। घर में कमाने वाला अब कोई नहीं बचा, जिस वजह से पूरा परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। बड़ी मुश्किल से घर की आवश्यकताएं पूरी हो पाती हैं।