घर में पितरों की तस्वीरें लगते समय इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो होगा विपरीत प्रभाव

ब्रह्मवाक्य, धर्म-आध्यात्म। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मृत्यु के देवता यमराज पितृपक्ष में पितरों को मुक्त कर देते हैं, ताकि वे अपने वंशजों के यहां जाकर तर्पण को ग्रहण कर सकें। शुक्रवार यानि 29 सितंबर से पितृपक्ष प्रारंभ हो रहे हैं, जिसका समापन 14 अक्टूबर 2023 को होगा। अक्सर देखा जाता है कि लोगों के अपने घरों में पितरों की तस्वीरें लगाते हैं। पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी तस्वीर घर पर लगाते हैं। वास्तु शास्त्र में पितरों की तस्वीरों को घर पर लगाने को लेकर कुछ नियम बताये गए हैं। यदि इन नियमों का पालन नहीं किया तो आपका जीवन संकटों से घिर सकता है। जानिए जानते हैं पितरों की तस्वीर लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में पूर्वजों या पितरों की तस्वीरों को कभी भी लटकाना नहीं चाहिए। बल्कि इसे हमेशा लकड़ी के स्टैंड पर रखना चाहिए।
  • वास्तु शास्त्र पितरों की बहुत ज्यादा तस्वीरों को लगाने से बचना चाहिए। साथ ही पितरों की तस्वीर ऐसे स्थान पर नहीं लगाना चाहिए, जहां पर सभी की नजर पड़ती हो, ऐसा कहा जाता है कि मृत व्यक्ति की तस्वीरों पर नजर पड़ने से नकारात्मक ऊर्जा संचारित होती है।
  • अक्सर लोगों को जानकारी के अभाव में पूजा स्थल पर ही पितरों की तस्वीरों को लगा देते हैं। हालांकि शास्त्रों में पितरों का स्थान उच्च माना गया है, लेकिन पितरों और देवताओं का स्थान अलग-अलग होता है। मान्यता है कि पूजा स्थल पर ही पितरों की तस्वीरों को लगाने से दुखों का सामना करना पड़ सकता है।
  • वास्तु शास्त्र के मुताबिक, पितरों की तस्वीर को बेडरूम, घर के बीचों-बीच या फिर रसोई घर में नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से गृहक्लेश होता है और घर में अनबन होती है।
  • वास्तु शास्त्र के मुताबिक, पितरों की तस्वीर को जिंदा व्यक्ति की फोटो के साथ कभी नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जिंदा व्यक्ति की उम्र कम होती है।
  • वास्तु के मुताबिक पितरों की फोटो हमेशा उत्तर दिशा की दीवारों में ही लगानी चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में दक्षिण को पितरों की दिशा माना गया है। यदि उत्तर दिशा में उनकी फोटो लगाते हैं तो तस्वीर का मुंह दक्षिण दिशा की ओर होता है। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

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