रीवा विधानसभा चुनाव: इंजीनियर राजेंद्र शुक्ल के सामने कांग्रेस व आप ने उतारे इंजीनियर, लगातार चार जीत से लगा विकास पुरुष का ठप्पा
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विधानसभा क्षेत्र: रीवा, जिला रीवा
नाम: राजेंद्र शुक्ल
उम्र: 58
शिक्षा: बीई इंजीनियर
पेशा: सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांट्रेक्टर
प्रोफाइल:
1986 में रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के अध्यक्ष चुने गए। 1992 के युवा सम्मेलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। युवा कांग्रेस से मूल कांग्रेस में आए। 2003 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। द्वितीय मंत्रिमंडल विस्तार में आवास और पर्यावरण राज्यमंत्री बनें। दूसरी बार 2008 में विधानसभा चुनाव जीता। वह शिवराज सरकार में ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्री रहे। लगातार तीसरी बार 2013 का विधानसभा चुनाव जीतकर उद्योग मंत्री बने। उन्होंने 2018 में चौथी बार चुनाव जीता, पर सरकार नहीं बनी। 15 महीने बाद सिंधिया समर्थक विधायक भाजपा में शामिल हो गए। चौथी बार शिवराज मुख्यमंत्री बने। पर राजेन्द्र शुक्ल को मंत्री नहीं बनाया गया। अंत में 45 दिन के लिए जनसंपर्क और पीएचई मंत्री बनाया गया है।
क्यों मिला टिकट:
रीवा की शहरी सीट से भाजपा के इकलौते दावेदार रहे है। चार बार विधायक और चार बार मंत्री बन चुके है। रीवा में विकास पुरुष के नाम से जाने जाते है। उनके पास सात अन्य सीटों को जिताने का जिम्मा रहता है। एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट व विश्व की पहली व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर में बनाने का मिला श्रेय।
विधानसभा क्षेत्र के बारे में:
रीवा विधानसभा क्षेत्र रीवा जिले में आता है। ये हाईप्रोफाइल सीट है। यहां से पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल चुनाव लड़ते आए हैं। इसके पहले कांग्रेस का कब्जा रहा है।