मथुरा के इस मंदिर में सबसे पहले मनाई जाती है जन्माष्टमी, श्रीकृष्ण के प्रपौत्र ने की थी स्थापना!, जानिए क्या है मान्यता
![](https://brahmavakya.com/wp-content/uploads/2023/09/janmashtami.png)
ब्रह्मवाक्य, मथुरा. मथुरा में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी का उत्सव शुरू हो चुका है। अपने आराध्य लड्डूगोपाल श्री कृष्ण के जन्म के लिए पूरा मथुरा भक्ति में रमा है। श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा के मंदिरों में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। वैसे तो भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव 7 सितम्बर की अर्धरात्रि को सभी जगह मनाया जायेगा, लेकिन मथुरा में एक ऐसा मंदिर भी है जहां जन्माष्टमी का उत्सव एक दिन पहले ही मनाया जाता है।
मथुरा का श्री केशवदेव मंदिर (Shri Keshavdev Temple) का पौराणिक महत्व है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ कराया था। श्री केशवदेव मंदिर में जन्माष्टमी के एक दिन पहले 6 सितम्बर की रात को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस विशेष मौके पर मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त मौजूद रहे। रात्रि 12 बजे भगवान का जन्म हुआ। जिसके साथ ही 2 क्विंटल पंचामृत सामग्री से लड्डूगोपाल का अभिषेक किया गया और जन्म आरती की गई।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में मंदिर में मौजूद भक्त खुशी से नाचने गाते हुए भजन और बधाई गीत गाकर खुशियां मनाई। मंदिर के अध्यक्ष मुताबिक केशवदेव मंदिर में जन्माष्टमी एक दिन पहले ही मनाने के पीछे मान्यता है, कि सप्तमी की रात को ही अष्टमी के साथ रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाता है। जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए एक दिन पहले ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है।