दिल्ली में तैनात 10 हजार सिविल डिफेंस कर्मियों की दिवाली से पहले हो सकती है छुट्टी! केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला
![](https://brahmavakya.com/wp-content/uploads/2023/10/Delhi-Civil-Defence-Volunteers.jpg)
ब्रह्मवाक्य, डेस्क। दिल्ली के सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (Civil Defense Volunteers) के लिए एक बुरी खबर है। कई महीने से इनकी वेतन का भी भुगतान नहीं हुआ है। अप्रैल से रुकी वेतन को तुरंत जारी करने की मांग की जा रही है। वेतन को लेकर लगातार किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच दिल्ली सरकार (Delhi Government) इन्हे लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। राज्य के 40 विभागों में तैनात 10,000 से अधिक सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की सेवाएं जल्द ही समाप्त हो सकती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि, शुरुआत में रेवेन्यू डिपार्टमेंट (Revenue Department) की विभिन्न रूटीन ड्यूटी में तैनात 189 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (Civil Defense Volunteers) को हटाने का प्रस्ताव था, लेकिन सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने कहा कि सभी स्वयंसेवकों के रोजगार पर सही कानूनी स्थिति का पता लगा कर अक्टूबर के आखिर तक से उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जानी चाहिए। साथ ही सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि अक्टूबर तक का लंबित वेतन तुरंत दिया जाए।
बतादें कि 10,792 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (Civil Defense Volunteers) में से 8,574 को परिवहन विभाग ने डीटीसी और क्लस्टर बसों में बस मार्शल के रूप में तैनात किया है। राइसके अलावा जस्व, पर्यावरण, एमसीडी, खाद्य एवं आपूर्ति सहित अन्य विभागों में इन सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की सेवाएं ली जा रही हैं।
दरअसल सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (Civil Defense Volunteers) की मूल भूमिका स्थानीय प्रशासन की सहायता करना है, लेकिन वे अलग-अलग कार्यों में लगे हुए हैं। दिल्ली में इन सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को सालाना करीब 400 करोड़ रुपये वेतन के रूप में दिए जाते हैं, जिसमें से करीब 280 करोड़ रुपये तो केवल बस मार्शलों को भुगतान किया जाता है। इन वॉलंटियर्स की उनकी अनिवार्य जिम्मेदारियों और कार्यों के विरुद्ध तैनाती को अवैध माना गया था, जिसके चलते उनका रोक दिया गया था।