भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर रूसी जोड़ों ने हिंदू रिवाज से की शादी, बारात निकालकर लिए 7 फेरे
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ब्रह्मवाक्य, हरिद्वार। एक तरफ जहां बड़ी संख्या में भारतीय युवा विदेशी संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं और अपने हिंदू रीति रिवाजों को छोड़कर विदेशी संस्कृति अपनाकर गौरवान्वित महसूस करते हैं। वहीँ विकसित देशों के लोग भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर भारतीय जीवन पद्धति को अपना रहे हैं। उन्हें यहां की परंपराएं और रीति-रिवाज पसंद आ रहे हैं।
पश्चिमी संस्कृति से ऊब कर लोग भारत की आध्यात्मिकता शक्ति को अपना रहे हैं, यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है रूसी नागरिकों का, जिन्होंने अपने शहदीशुदा जीवन में स्थायित्व लाने के लिए भारतीय हिन्दू पद्धति से शादी की है। क्योंकि रूस में तलाक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में लोग अकेलेपन से झूझ रहे हैं।
धर्मनगरी हरिद्वार में अखंड परमधाम आश्रम में उस समय नजारा देखते ही बन रहा था जब यहां रूसी नागरिकों की शादी वैदिक तरीके से हो रही थी। यह शादी महज औपचारिकता नहीं थी। बल्कि सभी रीति रिवाजों का पालन करते हुए संपन्न कराई गई। बकायदे पारंपरिक दूल्हों वाली लाल शेरवानी और पगड़ी पहन कर सजे तीनों दूल्हों की बारात निकाली गई। बारात में रूसी दूल्हों के साथी भारतीय धुनों पर डांस कर रहे थे। इस दौरान रूसी नागरिकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। दूल्हा और दुल्हन ने भगवान के मंदिर में आशीर्वाद लिया और फिर एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इसके बाद रूसी जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अग्नि को साक्षी मानकर शादी के सात फेरे लिए। और जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन भी दिया।