Nipah Virus को लेकर ICMR ने जारी की ये चेतावनी, बताया कोरोना से 70% ज्यादा खतरनाक, जानिए कैसे

ब्रह्मवाक्य, हेल्थ। देश में एक बार फिर संक्रामक बीमारी का खतरा मडरा रहा है। इस बार निपाह वायरस (Nipah Virus) का खतरा बन कर आया है। हालांकि निपाह वायरस के संक्रमण की गति कोरोना वायरस की तुलना में काफी धीमी होती है। निपाह वायरस तभी फैलता है जब संक्रमित मरीज के बॉडी फ्लूइड, जैसेकि खून सलाइवा या मल मूत्र के संपर्क में आ जाएं। या फिर काफी लंबे समय तक ऐसे मरीज के बहुत ही करीब रहे हों। लेकिन निपाह वायरस कोरोना की तुलना में 70% ज्यादा खतरनाक है। आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ राजीव बहल (ICMR Director General Dr. Rajiv Bahl) ने स्पष्ट किया है कि निपाह वायरस ज्यादा जानलेवा साबित हो सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) के मुताबिक यदि एक क्षेत्र विशेष में ही वायरस को कंटेन कर लिया जाए तो बड़े स्तर पर बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। बतादें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि केरल में निपाह वायरस के दो कंफर्म मरीज हैं और चार संदिग्धों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

ऐसे फैलता है निपाह वायरस
जानकारों के मुताबिक निपाह वायरस (Nipah Virus) चमगादड़ों और सुअर के जरिए इंसानों में फैलता है। जानवरों जरिये से इंसानों में होने वाली बीमारी को ज़ूनोटिक डिजीज (zoonotic disease) कहा जाता है। लक्षण की बात करें तो निपाह वायरस (Nipah Virus) बुखार की तरह आता है। सांस लेने में परेशानी होती है, सिर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी भी हो सकती है। वहीं कई लोगों में शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन लंबे समय तक यदि संक्रमण बना रहा तो दिमागी बुखार में बदल जाता, जो जानलेवा हो सकता है.

निपाह वायरस का उपचार
राहत की बात यह है कि निपाह वायरस (Nipah Virus) कोरोना वायरस की तुलना में काफी धीमी गति से फैलता है। यदि समय रहते इसे कंट्रोल कर लिया जाए तो सीमित संक्रमित क्षेत्र मे ही रोका जा सकता है। लेकिन यह वायरस जानलेवा हो सकता है। फ़िलहाल इस बीमारी के लिए कोई दवा नहीं है। कोरोना की तरह इस वायरस के मरीज को आइसोलेशन में रखना, तरल पदार्थ का सेवन और लक्षणों के हिसाब से इलाज करना निपाह वायरस का भी इलाज है।

BM Dwivedi

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