आदित्य L-1 मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों को लेकर आई हैरान करने वाली जानकारी, कई दिनों तक महक से बनाई दूरी
ब्रह्मवाक्य,बेंगलुरू। भारत के पहले सूर्य मिशन के तहत आदित्य एल-1 (Aditya L-1) की यात्रा प्रारंभ हो चुकी है। अब देखना यह है कि यह अपने लक्ष्य को पाने में कितना कामयाब होता है। इस मिशन काम कर रहे वैज्ञानिकों को लेकर एक एक नया तथ्य सामने आया है, जो आश्चर्य में डालने वाला है।
दरअसल आदित्य एल-1 के मुख्य पेलोड पर काम करने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को परफ्यूम और स्प्रे के उपयोग की मनाही थी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (Indian Institute of Astrophysics) की टीम, जिसने सूर्य के रहस्यों को समझने के लिए आदित्य के मुख्य पेलोड – विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) का निर्माण किया था, उन्हें किसी भी प्रकार के परफ्यूम और स्प्रे से दूर रहने के लिए कहा गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) को बेंगलुरु के पास ही होसकोटे में स्थित अत्याधुनिक वाइब्रेशन एंड थर्मोटेक फैसिलिटी (Vibration and Thermotech Facility) में तैयार किया गया था। इसी फैसिलिटी में कंपोनेंट-लेवल वाइब्रेशन डिटेक्टरों और ऑप्टिकल एलिमेंट्स (Component-level vibration detectors and optical elements) को इंटीग्रेट करने के लिए एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था।
इस इंटीग्रेशन (integration) के बाद, क्लीन रूम (clean room) में से एक हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। जहां पर टीम ने भविष्य के खोजकर्ताओं से मिलते-जुलते फुल-सूट रिहर्सल में, इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज (electrostatic discharge) और प्रदूरषण फैलाने वाली वस्तूओ को क्लीन रूम से दूर रखने का अभ्यास किया। क्लीन रूम में परफ्यूम (Perfume) लगाकर आना भी वर्जित था और टीम के हर एक सदस्य को अल्ट्रासोनिक क्लीनिंग प्रोसेस (ultrasonic cleaning process) से गुजरना पड़ता था।