जन्म से ही नहीं हैं दोनों हाथ, आमिन ने पैरों से साधी कलम और कंप्यूटर, अपने हौसले और जिद से बने पटवारी
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ब्रह्मवाक्य, देवास। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती… इस बात को सच कर दिखाया देवास के पीपलरावां निवासी आमिन मंसूरी ने। गरीब परिवार में जन्मे आमिन के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं। पिता इकबाल मंसूरी टेलरिंग का काम करते हैं। इसके बावजूद उन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी। अपने हौसले और जिद से सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए। उन्होंने अपने पैरों से पटवारी की परीक्षा दी। उसकी मेहनत और माता-पिता के आशीर्वाद ने असर दिखाया और 30 जून को घोषित परिणाम में उसका पटवारी के लिए चयन हो गया।
इंदौर से किया स्नातक
जानकारी के मुताबिक आमिन ने आठवीं तक पीपलरावां में पढ़ाई की। 2012 में 11वीं में स्कूल प्रोजक्ट में सोलर कूकर प्रोजेक्ट बनाया, जो राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुआ। इसके बाद इंदौर से स्नातक की। इस दौरान पैरों से कम्प्यूटर चलाने का अभ्यास किया।
पैरों से दी ऑनलाइन परीक्षा
आमिन ने पटवारी परीक्षा का फार्म भरा। जिसकी परीक्षा ऑनलाइन कम्प्यूटर से हुई थी। इसमें आमिन ने पैरों से सफलता की इबारत लिखी। नि:शक्त श्रेणी की मेरिट सूची में जिले में पहला स्थान प्राप्त किया। वह पैरों से ही रोजमर्रा के काम भी करते हैं।