पांच माह का होगा इस बार चातुर्मास, 19 साल बाद सावन में अधिकमास का संयोग, धर्म-अध्यात्म के लिए होगा श्रेष्ठ
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ब्रह्मवाक्य, डेस्क। 29 जून को देवशयनी एकादशी के साथ ही देव 5 माह तक सोएंगे। इस बार 19 साल बाद सावन में अधिकमास के संयोग से चातुर्मास पांच माह का होगा। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं होंगे। जून में विवाह के पांच ही श्रेष्ठ मुहूर्त थे। अन्य धार्मिक कार्य भी इन्हीं दिनों में हुए। विवाह सीजन का आखिरी अबूझ मुहूर्त 27 जून को है। इस दौरान भी विवाह हो सकेंगे। अब देवउठनी एकादशी यानी 23 नवंबर तक इंतजार करना होगा।
ज्योतिषाचार्य पं. जमदग्नि शर्मा के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी 29 जून को है। देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होता है। इस बार चातुर्मास में दो सावन में अधिकमास की व्युत्पत्ति का अनुक्रम है। शुद्ध श्रावण और अधिकमास का संयोग 19 वर्ष बाद बन रहा है। पांच माह धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, तीर्थ के दर्शन के लिए श्रेष्ठ माने जाएंगे।
सावन मास आषाढ़ी पूर्णिमा के साथ शुरू होगा। इस बार उत्तम बारिश की संभावना रहेगी। दो सावन होने से फसलों की पैदावार भी बेहतर रहेगी। पूजा-अर्चना का श्रेष्ठ समय होगा।