एमबीबीएस पाठ्यक्रम में किये गए बड़े बदलाव, एडमिशन लेते ही छात्र गोद लेंगे एक परिवार, और भी किये गए कई परिवर्तन

ब्रह्म वाक्य, भोपाल. अब हर मेडिकल छात्र को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में एडमिशन के समय ही कम से कम एक परिवार को गोद लेना होगा। इसके साथ ही पढ़ाई के दौरान गांवों में सेवाएं भी देनी होगी। दरअसल, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग यानी एनएमसी ने इस साल से एमबीबीएस पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव किए हैं। अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन गाइडलाइंस-2023 के मुकाबिक, छात्र को गोद लिए गए परिवार की देखरेख करनी होगी। सरकार का मानना है कि इस योजना से लोगों की सेहत सुधारने में सहायता मिलेगी। एनएमसी ने इसका नाम फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम (एफएपी)दिया है। कम से कम एक परिवार को गोद लेना और सभी चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करना पाठ्यक्रम के पहले दिन से ही अनिवार्य हिस्सा होगा। एनएमसी ने मेडिकल की पढ़ाई तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के साथ ही पूरक बैच में भी बदलाव किया है। यही नहीं मूल्यांकन का तरीका भी बदल गया है। ग्रेस मार्क्स की सुविधा भी खत्म कर दी गई है।

ग्रेस मार्क्स नहीं मिलेंगे
12 जून को जारी ग्रेजुएट मेडिकेशन एजुकेशन रेगुलेशन (जीएमईआर) के तहत ‘पूरक’ बैचों को खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह छात्रों को परीक्षा परिणाम के 3-6 सप्ताह के भीतर फिर से परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही ग्रेस मार्क्स की सुविधा भी खत्म कर दी गई है।

कोर्स में भी बदलाव
एमबीबीएस के पहले चरण में जैव रसायन, सूक्ष्म जीव विज्ञान और फोरेंसिक विज्ञान का केवल एक पेपर होगा। साथ ही नेशनल एग्जिट टेस्ट में वेटेज मिलेगा। मॉलिक्यूलर, स्टेम सेल, साइटोजेनेटिक्स और टिश्यू टाइपिंग रिसर्च के लिए कॉलेजों में रिसर्च और लैब स्थापित करनी होगी। क्लीनिकल, प्रीक्लीनिकल और पैरा क्लीनिकल की जगह अब सभी कोर्स को क्लीनिकल में गिना जाएगा।

चार चरणों में बांटा गया है कोर्स को
एफएपी 4.5 साल के एमबीबीएस पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा रहेगा। 4.5 साल के कार्यक्रम को पहले और दूसरे चरण को 12-12 महीने और तीसरे व चौथे चरण को 12 महीने और 18 महीने में विभाजित किया गया है।

78 घंटे की एफएपी
एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष में छात्र को गांव में नौ विजिट करनी होगी। दूसरे वर्ष में 10 व तीसरे वर्ष में सात विजिट करनी होंगी। कम से कम 27 घंटे चिकित्सकीय परीक्षण करनेे होंगे। विजिट के तहत 78 घंटे का समय बिताना होगा।

 

BM Dwivedi

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