हो जाइये सावधान! मोबाइल व दूसरे माध्यम से होने वाले रेडिएशन से बढ़ रहा ब्रेन ट्यूमर का खतरा
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ब्रह्म वाक्य, जबलपुर। पूर्वजों मेंयदि किसी को ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) रहा और अब आपको भी यह बीमारी है तो सावधान हो जाएं। यह बीमारी रेडिएशन (radiation growing brain tumor) से बढ़ रही है। यह रेडिएशन फिर मोबाइल, एक्स-रे या फिर किसी और का हो सकता है। रेडिएशन से ब्रेन ट्यूमर के मरीजों का दर्द और भी बढ़ रहा है। जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College) में हर साल 350 से ज्यादा ऐसे मरीज आ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज इस पर शोध किया जा रहा है कि ब्रेन ट्यूमर के लिए कौन से जीन जिम्मेदार हैं। रेडिएशन सहित ऐसे कौन से तत्व हैं, जो इसके लिए गंभीर खतरा हैं। अब तक के अध्ययन में सामने आया कि मोबाइल व दूसरे माध्यम से होने वाले रेडिएशन के संपर्क में आने पर ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) मरीजों की समस्या बढ़ रही है।
लो ग्रेड में ठीक हो सकते हैं मरीज
- लो ग्रेड ट्यूमर की समय पर पहचान हो तो मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।
- लक्षण पता चलते ही रेडिएशन से जुड़ी चीजों से दूरी बनाएं।
- हाईग्रेड ट्यूमर में पीड़ित के ठीक होने की संभावना कम है।
- ट्यूमर का ग्रेड पता करने इम्यून हिस्टो केमेस्ट्री जांच होती है।
- यह जांच प्रदेश में नहीं होती। ट्यूमर के टुकड़े को दिल्ली या बैंगलुरू भेजना पड़ता है।
ये हैं लक्षण
सिर दर्द, दौरे पड़ना, उल्टी, आंखों की रोशनी प्रभावित होना, हाथ-पैर लड़खड़ाना, चक्कर आना, कान में घंटी बजना, हार्मोनल असंतुलन, शरीर में कंपन।