Orissa train accident: शवों पर होने लगे फर्जी दावे, 83 मृतकों की नहीं हुई पहचान, अब संदिग्ध मामलों की डीएनए जांच

ब्रह्म वाक्य, भुवनेश्वर. बालासोर रेल हादसे (balasore train accident) के मृतकों के शवों के फर्जी दावों को टालने के लिए ओडिशा सरकार ने शवों और दावेदारों के डीएनए नमूने लेना शुरू कर दिया है। बिहार के भागलपुर के दो अलग-अलग परिवारों की ओर से एक शव अपने रिश्तेदार का होने का दावा करने के बाद यह निर्णय लिया गया। शव क्षत-विक्षत अवस्था में होने के कारण उसकी पहचान मुश्किल थी।

अब डीएनए का मिलान होने पर ही हम शव सौंपेंगे। डीएनए रिपोर्ट आने में सात-आठ दिन लगेंगे। संदेह है कि रेलवे और राज्य सरकारों से मिलने वाले मुआवजे के कारण कुछ लोग शवों पर झूठे दावे कर सकते हैं। हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 83 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। अधिकारी ने बताया कि कुछ शवों पर कई पक्ष दावे कर रहे हैं। अब तक दावा कर रहे परिवारों से 10 डीएनए सैंपल लिए गए हैं।

झारखंड के एक युवक ने आरोप लगाया कि सोमवार को उसने उपेंद्र कुमार शर्मा के शव की पहचान की थी। इसके बावजूद मंगलवार को शव किसी और को सौंप दिया। भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर विजय अमृत कुलांगे ने बताया कि सोमवार रात से डीएनए टेस्टिंग शुरू की जा चुकी है। उन शवों की टेस्टिंग पहले की जा रही है, जिनका क्रॉस आइडेंटिफिकेशन हो रहा है। ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां एक शव के एक से ज्यादा दावेदार हैं। अब तक 205 शवों को पहचान के बाद उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने मंगलवार को बताया कि मृतकों की संख्या 288 हो गई है। रेलवे ने हादसे के दूसरे दिन यही संख्या बताई थी, लेकिन जेना ने कहा था कि मृतक संख्या 275 है।

BM Dwivedi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button