स्कूल बना मुर्दाघर, टुकड़ों में बाटे शव, अब शिनाख्त बनी बड़ी चुनौती, त्रासदी बना ओडिशा रेल हादसा
![](https://brahmavakya.com/wp-content/uploads/2023/06/Odisha-Train-Accident-1.jpg)
ब्रह्म वाक्य, डेस्क। शुक्रवार की रात ओडिशा के बारासोल इलाके में हुए ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 294 पहुंच चुकी है। दुर्घटना में मरने वालों के शव पास के ही एक स्कूल में रखे गए हैं। कक्षाओं और स्कूल के हॉल में शवों का ढेर है। शिनाख्त के लिए लोगों की लंबी कतार लग रही है। कई शव तो टुकड़ों में हैं। तो कुछ बिजली के झटकों के कारण बुरी तरह झुलसे हुए हैं। ऐसे में इनकी पहचान कर पाना बड़ी चुनौती है।
शवों की पहचान के लिए आये रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। मुर्दाघर बन चुके स्कूल में जमा हुए लोगों में से कई पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से भी हैं। बताया जा रहा है कि शवों की शिनाख्त में अभी लंबा वक्त लग सकता है क्योंकि ओडिशा सरकार ने इसके लिए डीएनए टेस्ट का भी निर्णय लिया है।
ओडिशा रेल हादसे में भले ही मरने वालों की संख्या 294 बताई जा रही हो लेकिन, स्थानीय लोगों के मुताबिक यह संख्या काफी बढ़ सकती है क्योंकि अभी भी मलबे में कई शव दबे हुए हैं। शनिवार की दोपहर को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के बीच भी मीडिया के सामने बहस हो गई। ममता बनर्जी ने दावा किया है कि स्थानीय चश्मदीदों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 500 तक पहुंच सकती है। इस पर ममता को टोकते हुए रेल मंत्री ने कहा कि यह संख्या 238 है। हालांकि देर रात मृतकों की संख्या 294 तक पहुंच गई।