राममंदिर पर बोले शंकराचार्य- एक हस्ताक्षर से बन जाती मस्जिद, और भी किये कई खुलासे

ब्रह्म वाक्य, रायपुर। ओडिशा राज्य के पुरी नगर में स्थित गोवर्धन मठ जो कि जगन्नाथ मंदिर के साथ जुड़ा हुआ है। गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज (Shankaracharya Nischalanand Saraswati) रायपुर पहुंचे हुए थे। यहां उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए गौ हत्या (Cow Slaughter) , राम मंदिर (Ram Mandir), बाबरी (Babri Masjid) के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण (Conversion) के मुद्दे पर भी खुलकर बात रखी। इस दौरान शंकराचार्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel), राज्यपाल के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) और पीएम मोदी (PM Modi) को भी नहीं बख्शा।

शंकराचार्य के पद को लेकर बड़ी बात कहते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि यदि कोई किसी भी गुप्तदल का प्रकट पक्षधर हैं वो शंकराचार्य का नहीं बन सकता। शंकराचार्य भगवान शिव का पद है। मैं इस पद पर 30 साल पहले प्रतिष्ठित हुआ। मेरे अपहरण का भी प्रयास किया गया।

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के साथ मस्जिद बनाने का प्रस्ताव उनके पास आया तो उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया। यदि हस्ताक्षर किया होता तो नरसिंहराव के शासनकाल में मंदिर के साथ मस्जिद का निर्माण भी हो गया होता। मोदी और योगी बस श्रेय ले रहे हैं।

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि पूर्व में जगन्नाथ पुरी में मुस्लिमों का बड़ा सम्मेलन होना था। तब 1100 गाय कटने के लिए आईं थी। तब उन्होंने इसका विरोध किया इसके बाद 1100 गाय किसानों को बांट दी गई। वे लोग खिचड़ी खाकर गए। देश मे गाय कट रही है क्या यही हिंदुत्व की पहचान है।

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर कहा कि- धर्मांतरण के लिए मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों ही दोषी है। ये अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं करते इसीलिए धर्मांतरण हो रहा है। लोग सेवा के नाम पर हिन्दू को अल्पसंख्यक बनाने का काम कर रहे हैं। जिसके लिए हिन्दू भी जिम्मेदार है। हमें मिलकर अपनी समस्या का समाधान करना चाहिए।

BM Dwivedi

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