विशेष अदालत का फैसला: सतना में झिन्ना के तत्कालीन सरपंच-सचिव समेत 5 आरोपियों को 5 वर्ष की सजा, 10 साल पहले लोकायुक्त ने दर्ज किया था प्रकरण
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ब्रह्मवाक्य/सतना। सतना जिले के अमरपाटन जनपद अंतर्गत झिन्ना पंचायत के तत्कालीन सरपंच-सचिव समेत 5 आरोपियों को 5-5 वर्ष की सजा सुनाई गई है। बताया गया कि लोकायुक्त पुलिस रीवा ने वर्ष 2012 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की प्राथमिकी दर्ज की थी। 10 साल तक चले ट्रायल के बाद सतना की विशेष अदालत ने 4 नवंबर को फैसला दिया है। ऐसे में पांच आरोपियों को 5 -5 वर्ष की कारावास एवं 30-30 हजार रुपए के के अर्थदण्ड से दंडित किया है।
अब जानते है पूरा मामला
लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि मार्च 2012 में ग्राम पंचायत झिन्ना जनपद अमरपाटन के तत्कालीन सरपंच सत्येंद्र सिंह, सचिव दीपक चौरसिया, शारदा ग्रामीण बैंक के मैनेजर के विरूद्ध ग्रामीण रोजगार योजना अंतर्गत कराई जा रहे विकास कार्यों में शासकीय कर्मचारी नाबालिक, विकलांग एवं मृतक व्यक्तियों का नाम मजदूरों के रूप में मस्टर रोलो में भरने, फर्जी भुगतान करने की ग्राम वासियों ने लोकायुक्त को सामूहिक शिकायत की गई।
फर्जी व्यक्तियों के नाम निकाली राशि
रीवा लोकायुक्त ने शिकायत के बाद धारा 420,467, 468, 471, 120 बी एवं 13 (1) (डी) सहपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 5 आरोपियों के विरूद्ध 22 फरवरी 2013 को रिपोर्ट दर्ज हुई। विवेचना में फर्जी व्यक्तियों के नाम मस्टर रोल में भरकर शासकीय राशि का दुरुपयोग करने एवं रोड के निर्माण में कुल 452634 रुपए की अनियमितता प्रमाणित पाई गई।
2015 में अभियोग किया था पेश
पांचों आरोपियों के विरूद्ध वर्ष 2015 में अभियोग पत्र क्रमांक 172/2015 विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) सतना में पेश किया गया। जिसे न्यायालय के विशेष प्रकरण क्रमांक 300005/2015 में दर्ज किया गया। अभियोजन द्वारा मामले को प्रमाणित करने के लिए कल 33 गवाहों की साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। विशेष अदालत के समाने हुए बयान आरोपियों के खिलाफ पाए गए।
सभी ने किया पद का दुरुपयोग
तत्कालीन सरपंच सत्येंद्र सिंह, दीपक चौरसिया सचिव, अजीत चौबे बैंक मैनेजर शारदा ग्रामीण बैंक झिन्ना, सत्येंद्र पटेल उपयंत्री और समीर कुमार श्रीवास्तव सहायक यंत्री ने पद का दुरुपयोग किया था।स्पष्ट तौर पर ग्राम पंचायत झिन्ना में अनियमितताएं दिखी। जनपद पंचायत अमरपाटन और जिला पंचायत सतना के अफसरों की जांच पर मनरेगा योजनाओं में 4,52,634 रुपए का भ्रष्टाचार पाया था।
सरपंच-सचिव को 5 वर्ष की सजा व 30 हजार का अर्थदंड भी
ट्रायल के बाद विशेष अदालत ने तत्कालीन सरपंच सत्येंद्र सिंह, सचिव दीपक चौरसिया, ग्राम पंचायत झिन्ना को IPC की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 477 ए के तहत 5 -5 वर्ष के कारावास और 30-30 हजार का अर्थदण्ड, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) की सहपठित धारा 13 (2) के तहत 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2 हजार के अर्थदण्ड, से दण्डित किया गया।।
मैनेजर, उपयंत्री और सहायक यंत्री निपटे
इसी तरह शारदा ग्रामीण बैंक झिन्ना के तत्कालीन बैंक मैनेजर अजीत चौबे, उपयंत्री सतेन्द्र पटेल, सहायक यंत्री समीर कुमार श्रीवास्तव को IPC की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, 477 ए के तहत 5-5 वर्ष का कारावास, 28-28 हजार का अर्थदंड, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) की सहपठित धारा 13 (2) के तहत 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2-2 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।
दीपक चौरसिया नहीं आया था कोर्ट
लोकायुक्त अफसरों का कहना है कि तत्कालीन सचिव एवं अभियुक्त दीपक चौरसिया का स्वास्थ खराब चल रहा है। ऐसे में वह अस्पताल में भर्ती था। जिस कारण जिला न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ था। उसकी अनुपस्थिति के बाद भी दोषसिद्धि का निर्णय पारित किया गया है। शेष चार आरोपीगणों को जेल वारंट बनाकर केन्द्रीय कारागार सतना में दाखिल कराया गया है।