देश में दरकती विरासत की सियासत, उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र और हरियाणा तक दलों में पड़ी फूट, पार्टी में बंटवारे

ब्रह्मवाक्य, नई दिल्ली. देश में इन दिनों विरासत की सियासत तेजी से दरक रही है। तजा उदहारण महाराष्ट्र के चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार की पार्टी एनसीपी का है। अपने दांव-पैतरों के कारण राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार भी अपना घर नहीं बचा पाए। पवार ने बेटी के हाथ में पार्टी की कमान दी तो भतीजे अपने 9 समर्थक विधायकों के साथ शिंदे गुट की शिवसेना व भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल हो गए। पवार घराने से पहले उद्धव ठाकरे के दाएं हाथ एकनाथ शिंद ने बगावत कर भाजपा के साथ सरकार बनाई।

उत्तरप्रदेश में भी दो-फाड़
उत्तरप्रदेश में मुलायम यादव परिवार में 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल व अखिलेश यादव के बीच तलवारें खिंची। चाचा शिवपाल ने सपा से अलग नई पार्टी बनाई। अब फिर से चाचा-भतीजा साथ हैं। यूपी में ही स्व. सोनेलाल पटेल की अपना दल भी दो धड़ों में बंट चुकी है। सोनेलाल की बेटी अनुप्रिया भाजपा के साथ सत्ता में हैं तो दूसरी बेटी पल्लवी सपा के साथ।

हरियाणा में चौटाला परिवार की इनेलो में फूट
2018 में हरियाणा के चौटाला परिवार की पार्टी इनेलो में भी विघटन हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के दोनों बेटे अजय सिंह चौटाला और अभय चौटाला आज अलग-अलग पार्टियों का नेतृत्व करते हैं।

BM Dwivedi

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