सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल रीवा के डाक्सर्ट ने रोटाब्लेशन तकनीकी से एंजियोप्लास्टी कर बनाया रिकार्ड
![](https://brahmavakya.com/wp-content/uploads/2023/06/21.jpg)
ब्रह्मवाक्य, रीवा। श्यामशाह मेडिकल कालेज (Shyamshah Medical College) के सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल के डाक्टर्स ने एक बार फिर प्रदेश में अपनी ओर से नया रिकार्ड बनाया है। इस बार हार्ट के डाक्टर्स ने रोटाब्लेशन तकनीकी से एंजियोप्लास्टी (Angioplasty with rotablation technique) की है और यह पूरी तरह से सफल रहा है। इस संबंध में हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव एवं प्रोसीजर करने वाले डॉ. एसके त्रिपाठी ने प्रेसकांफ्रेंस कर बताया कि यह प्रक्रिया प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब तक नहीं हो रही थी। रीवा में पहली बार प्रयास किया गया और सफलता मिली। कुछ दिन पहले ही हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके त्रिपाठी के पास 57 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी समस्या बताई थी, उनका कहना था कि एंजियोग्राफी वह नागपुर में करा चुके हैं लेकिन अब एंजियोप्लास्टी वह रीवा में ही कराना चाहते हैं।
नस में 99 प्रतिशत था ब्लॉकेज
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि उक्त मरीज की नस 99 प्रतिशत बंद थी और उसमें कैशिल्यम का जमाव अधिक था। ऐसे मामलों में सामान्य एंजियोप्लास्टी मुश्किल होती है। इसलिए रोटाब्लेशन पद्धति से कैशिल्यम हटाने की योजना बनाई गई। यह मशीन डॉक्टर ने मंगवाई और करीब तीन घंटे तक चले प्रोसीजर के बाद सफलता हासिल की। मरीज की हालत ठीक है, इसलिए अब बायपास सर्जरी की जरूरत भी नहीं है। इस कार्य में डॉ. त्रिपाठी के साथ कैथ लैब टेक्निीशियन जयनारायण मिश्रा, सत्यम, सुमन, मनीष, सुधांशु, फैजल, रोटाब्लेटर टेक्निीशियन गौरव आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
प्रदेश में पहली बार इस तरह का प्रयास सफल हुआ
अस्पताल अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में पहली बार इस तरह का प्रयास सफल हुआ है। उन्होंने हृदयरोग विभाग के डाक्टर्स और पूरे स्टाफ की सराहना करते हुए कहा कि यह मेडिकल कालेज सहित पूरे विंध्य के लिए गौरव की बात है। अब यहां के मरीजों को दूसरे शहरों में ऐसी समस्याओं को लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी।