तलाक के सात साल बाद सुलह करने को मजबूर हुई महिला, फिर शादी कर साथ रहेंगे पति-पत्नी, जानिए पूरा मामला
ब्रह्म वाक्य ग्वालियर। तलाक के सात साल बाद पति-पत्नी फिर से एक साथ रहने को राजी हो गए हैं। अब दोनों फिर से विवाह रचाएंगे, ताकि कानूनी रूप से फिर पति-पत्नी बन सकें। छोटी-छोटी बातों को लेकर हुए विवाद के चलते 2015 में आपसी सहमति से दोनों तलाक लेकर अलग हो गए थे। अब बच्चों की खातिर फिर से एक हुए हैं। ग्वालियर निवासी ज्योति (परिवर्तित नाम) का विवाह धौलपुर के शैलेन्द्र (परिवर्तित नाम) से 2005 में हुआ था। इनके एक बेटा व बेटी भी हैं, इस दौरान बीच दोनों में विवाद भी बढ़ने लगा। और हालात इतने बिगड़ गए कि दोनों ने अलग होने का फैसला ले लिया।
बच्चों के खातिर हुए एक
विवाद इतना बढ़ा कि पत्नी ससुराल छोड़ मायके ग्वालियर लौट आई। दोनों बच्चे पिता के साथ ही रह रहे थे। लेकिन पत्नी अकेली पड़ गई। पत्नी को बच्चों की याद आती थी, ऐसे में उसने कुटुंब न्यायालय में काउंसलर हरीश दीवान से संपर्क कर बच्चे को पाने की बात रखी। हरीश ने पति से संपर्क किया तो उसने कहा, मैं आज भी उसे साथ रखने को तैयार हूं। पत्नी भी इस बात पर राजी हो गई।
काउंसलर ने दी फिर शादी की सलाह
दोनों के बीच आपसी सहमति से तलाक हो चुका था। ऐसी स्थिति में दोनों कानूनी रूप से पति-पत्नी नहीं माने जाएंगे। ऐसे में काउंसलर ने सलाह दी कि दोनों फिर से विवाह कर सकते हैं। दीवान का कहना है कि छोटी बातों से झगड़ा हुआ था, उसकी वजह से घर टूट गया था। अब फिर बच्चे माता-पिता के साथ रह सकेंगे।