40 साल तक बॉलीवुड के ‘महाराजा’ रहे इस अभिनेता ने बेहद ग़ुरबत में गुजारे आखिरी दिन, बच्चों ने भी छोड़ा साथ, दोस्त बना मसीहा

ब्रह्मवाक्य, एंटरटेनमेंट। अपनी कला और अभिनय दे दम पर बॉलीवुड पर करीब 40 तक राज किया। इस दौर उन्होंने एक से बढ़ कर एक किरदार निभाकर लोगों का मनोरंजन किया। फिल्मों में राजा-महाराजा वाले रोल निभाने वाले इस अभिनेता का आखिरी वक्त बेहद ग़ुरबत में बीता, यहां तक कि उनके बच्चों ने भी उनका साथ छोड़ दिया था। बात कर रहे हैं महान अभिनेता प्रदीप कुमार की। जिनका 27 अक्टूबर 2001 का दर्दनाक निधन हुआ। उनकी 22वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हैं।

प्रदीप कुमार ने महज 17 साल की उम्र से अभिनय की दुनिया में कदम रख दिया था। उनका वास्तविक नाम सितल बटब्याल था। उन्होंने हिंदी के अलावा बंगाली और इंग्लिश फिल्मों में भी अभिनय किया है। उन्होंने साल 1947 में बंगाली फिल्म ‘अलकनंदा’ से डेब्यू किया था। बाद में वह बॉम्बे आ गए और साल 1952 में आई फिल्म आनंद मठ में उन्होंने अहम किरदार निभाया। अगले साल एक्ट्रेस बीना राय के साथ उन्हीने ‘अनारकली’ फिल्म की। साल 1954 में आई नागिन फिल्म में उन्होंने वैजंयतीमाला के अपॉजिट लीड रोल निभाया।

कई फिल्मों में प्रदीप ने राजकुमार, राजा और महाराजा वाले किरदार निभाए। 60 के दशक तक प्रदीप कुमार का चार्म बना रहा था। लेकिन उम्र ढलने के साथ ही उन्होंने बाद में सपोर्टिंग रोल निभाए। प्रदीप ने अमिताभ बच्चन, जीतेंद्र, मनोज कुमार, सनी देओल सहित कई बड़े एक्टर्स के साथ अभिनय किया। प्रदीप को अपने फ़िल्मी करियर में खूब सफलता और प्यार मिला, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ बिल्कुल भी सुकून व खुशहाल नहीं थी।

प्रदीप कुमार की पर्सनल लाइफ दुखों से भरी रही। उन्हें जब लकवा मारा दिया तो उनके चारों बच्चों ने उन्हें अकेला छोड़ दिया। जिससे वो सदमे में चले गए। किसी से भी बात नहीं करते थे। प्रदीप कुमार की 3 बेटियां- बीना बनर्जी, मीना चट्टोपाध्याय और रीना कुमार और बेटा देबी प्रसाद बटब्याल है। उनकी पत्नी का निधन होने के बाद वो पूरी तरह से अकेले पड़ गए थे।

दोस्त ने दिया सहारा
प्रदीप कुमार ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी इस दयनीय अवस्था के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि पत्नी की मौत के बाद भी बच्चे उनसे मिलने तक नहीं आए। बीमारी के बाद उनके रहने का भी कोई ठिकाना नहीं था। ऐसे में उनके एक बिजनेसमैन दोस्त ने सहारा दिया और कोलकाता अपना एक फ्लैट रहने के लिए दिया। साथ ही उनकी देखरेख के लिए एक लड़का भी वहां रखा।

 

BM Dwivedi

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