मां फूलमती देवी मंदिर… यहां माता को स्नान कराए गए जल से नेत्र रोग सहित शरीर के अन्य चर्म रोग ठीक हो जाते हैं!
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ब्रह्मवाक्य, धर्म-आध्यात्म। नवरात्रि का उत्साह इन दिनों चरम पर है। इन 9 दिनों में भक्त देवी मां की पूजा-अर्चना में लीन हैं। देशभर के प्रमुख देवी मंदिरों में भक्तों ला तांता लगता है। नवरात्रि में हर भक्त माता के दरबार में पहुंचने की कामना रखता है। आज बात कर रहे हैं कन्नौज के सिद्ध पीठ की। जहां माता फूलमती मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। मान्यता है कि यहां माता के दरबार आने वाले श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटते। सच्चे दिल से मांगी हुई हर मनोकामना यहां पूरी होती है।
बताया जाता है कि यह मंदिर त्रेता युग के राजा वेणुचक्र की बड़ी पुत्री माता फूलमती देवी का है। यह कन्नौज का सबसे बड़ा सिद्ध पीठ है। यहां पर माता के स्नान कराए गए जल को प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है। मान्यता है कि इस जल से लोगों के नेत्र रोग, शरीर के सफेद दाग व अन्य चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। इस शक्तिपीठ में बहुत दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी आस्था और मन्नतों के साथ आते हैं।
कन्नौज के इस शक्तिपीठ को लेकर कहा जाता है कि यह सिद्ध पीठ त्रेता युग के समय का है। बताया जाया है कि त्रेता युग के समय कन्नौज के राजा रहे वेणुचक्र की सात पुत्रियों में से एक पुत्री थी माता फूलमती, जिनका यह मंदिर है। कहा जाता है कि पिता के स्वाभिमान और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए माता फूलमती ने अपनी सभी बहनों के साथ वैराग्य धारण कर लिया था। अति प्राचीन सिद्धपीठ है। जिसमे माता फूलमती स्थापित प्रतिमा स्वयंभू है।