यहां 24 घंटे में हो जाता है सच और झूठ का फैसला, गजब की है इस समाधी स्थल की मान्यता
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ब्रह्मवाक्य, बलिया। वैसे तो दुनिया के तमाम धार्मिक स्थलों की अपनी-अपनी मान्यता है। लेकिन कुछ ऐसेधार्मिक स्थल हैं, जिनकी मान्यताओं को सुनकर हैरानी होती है। बात कर रहे उत्तरप्रदेश के बलिया में स्थित चैन राम बाबा के जिंदा समाधि स्थल की। कहा जाता है कि जहां 24 से 48 घंटे में सत्य और असत्य का फैसला हो जाता है। मान्यता है कि यहां पर असत्य बोलने वालों की सामत आ जाती है।
समाधि स्थल के पुजारी उदय शंकर पाठक के मुताबिक जिले के सहतवार में स्थित महान संत चैन राम बाबा का जिन्दा समाधि स्थल करीब 400 साल पुराना है। उसके बाद मौनी बाबा ने इसे अपनी तपोस्थली बनाई। उन्हीं के द्वारा यहाँ मंदिर के बगल में भव्य पोखरा बनवाया गया है जिसकी मान्यता है कि यहां पर कोई असत्य बोलकर सुरक्षित नहीं रह सकता है।
असत्य बोलने वालों गेट के अंदर नहीं जाते
यहां पर कोई भी भी झूठ व्यक्ति आने की हिमाकत नहीं करता है। झूठ बोलने वाले गेट से बाहर ही रहते हैं। यहां पर कोई भी चाहे वह कितना भी बड़ा या सम्मानित व्यक्ति हो झूठ बोलने का प्रयास नहीं करता। क्योंकि 24 से 48 घंटे में तत्क्षण निर्णय सामने आ जाता है।