Mehandipur Balaji: गलती से भी न खाएं इस मंदिर प्रसाद, नहीं तो हो सकता है बुरी साया का असर………
ब्रह्मवाक्य धर्माध्यात्म। मेहंदीपुर बाला जी देश का प्रसिद्ध मंदिर है।सभी मंदिरों का अपना एक विशेष महत्त्व होता है। मेंहदीपुर बालाजी धाम भगवान हनुमान के 10 प्रमुख सिद्धपीठों में से एक माना गया है।इस मंदिर से जुड़े कई अनोखे रोचकतथ्य है। माना गया है यहाँ जो भक्त पूरी श्रद्धा के साथ आता है वह कभी भी खाली हाथ नहीं आया। यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले के मेहंदीपुर में स्थित है।बालाजी मंदिर दो पहाड़ियों के बीच स्थित है। मान्यता है जिस व्यक्ति को भौतिकबाधा (भूत-प्रेत) की समस्या रहती है तो यहाँ आने से दूर हो जाती है इसी तरह की बाधाओं के लिए यह मंदिर प्रसिद्ध है।
बालाजी जाने के नियम-
बालाजी जाने से पहले ही नियम का पालन शुरू हो जाता है जिस व्यक्ति को मेहंदीपुर मंदिर जाना है उसे 1 सप्ताह पहले से ही लहसुन, प्याज, शराब और नॉनवेज को छोड़ना होगा। मंदिर के अंदर कोई भी खाने की सुगन्धित व्यंजन को आप वापस नहीं ले जा सकते। पूजन सामग्री भी वापस नहीं लाना चाहिए। और इस मंदिर में जब आरती हो तो सिर्फ भगवान साइड ही देखना चाहिए पीछे मुड़ कर गलती से भी न देखें नहीं तो बुरी व नकारात्मक शक्तियां आपके ऊपर आ सकती है।
आखिर क्यों नहीं खाते यहाँ का प्रसाद-
बाला जी मंदिर में जो प्रसाद आप चढ़ाते है उसे न तो आप घर ले जा सकते न ही खा सकते है और इसे बाँट भी नहीं सकते है आप इस प्रसाद को वहीँ छोड़कर आ जाइये और पीछे मुड़कर बिलकुल न देखे। माना गया है की जो भी इस प्रसाद का सेवन करता है उसके ऊपर बुरी साया का असर हो सकता है। मेहंदीपुर बालाजी में प्रसाद चढ़ाने के नियम भी अन्य मंदिरों से अलग होते हैं.