शिव जी को बेलपत्र क्यों अर्पित करते है, जानिए पौराणिक मान्यता और बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका
![Mythological recognition of Belpatra.](https://brahmavakya.com/wp-content/uploads/2023/06/e489d89e-53b4-48d0-8e8a-728016caee58.jpg)
ब्रह्मवाक्य धर्म अध्यात्म। शास्त्र के अनुसार शंकर भगवान पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही शुभ माना गया है शिव भगवान पर बेलपत्र चढ़ाने से हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है शिव भगवान बेलपत्र चढ़ाने पर बहुत ही प्रसन्न होते हैं।ज्योतिष की माने तो शिव जी की पूजा बेलपत्र बिना अधूरी है, कहा गया है रोजाना 1 बेलपत्र शिव जी को अर्पित करना चाहिए अगर बेलपत्र नहीं मिलते है तो आप बेलपत्र का पाउडर भी अर्पित कर सकते है अगर बेलपत्र चार या पांच दल का हो तो आप ही शुभ माना गया है।हर दिन ही बेलपत्र को शिव भगवान की मूर्ति पर अर्पित करना चाहिए। बेलपत्र पर दूध शहद और चंदन लगाकर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।
क्यों चढ़ाया जाता है शिव जी को बेलपत्र-
पौराणिक मान्यता है कि जब समुद्र मंथन के बाद विष निकला तो भगवान शिव ने पूरी सृष्टि को बचाने के लिए ही इस विष को अपने कंठ में धारण कर लिया. विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला हो गया और उनका पूरा शरीर अत्यधिक गरम हो गया जिसकी वजह से आसपास का वातावरण भी जलने लगा चूंकि बेलपत्र विष के प्रभाव को कम करता है इसलिए सभी देवी देवताओं ने बेलपत्र शिवजी को खिलाना शुरू कर दिया. बेलपत्र के साथ साथ शिव को शीतल रखने के लिए उन पर जल भी अर्पित किया गया. बेलपत्र और जल के प्रभाव से भोलेनाथ के शरीर में उत्पन्न गर्मी शांत होने लगी और तभी से शिवजी पर जल और बेलपत्र चढ़ाने की प्रथा चल पड़ी.
पांच दल का बेलपत्र-
पांच दल के बेलपत्र की प्राप्ति आसानी से नहीं होती है यह बहुत ही कम लोगों को प्राप्त होता है। शास्त्रों में बताया गया है कि पांच दल के बेलपत्र का मतलब पांच देवी-देवताओं का वास माना जाता है हर दल में ब्रह्मा ,विष्णु, महेश, गणेश, मां भगवती का वास होता है।
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इन बाधाओं को दूर करता है 1 बेलपत्र-
अगर स्वास्थ से जुड़ी कोई कोई समस्या है तो बेलपत्र पर शहद,चंदन लगाकर शंकर भगवान को चढ़ाने और दूध का अभिषेक करने से 108 बार महामृत्युंजय का जाप करने से शिव भगवान प्रसन्न होते हैं और सेहत में जल्द ही सुधार होता है साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यदि विवाह से जुड़ी कोई समस्या या नौकरी से जुड़ी कोई समस्या आपके सामने आ रही है तो शिवलिंग पर जलाभिषेक करके 108 बेलपत्र चढ़ाए और मृत्युंजय जप करने से समस्या का हल हो जाता है।