Purnima: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन करें भगवान कृष्ण का अभिषेक, रुके हुए काम होंगे पूरे
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ब्रह्मवाक्य धर्म अध्यात्म। इस वर्ष ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा 3 और 4 जून को है इस बार पूर्णिमा का व्रत दो दिन तक रहेगा। शनिवार और रविवार को पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय होने से इसी दिन स्नान दान करना शुभ माना जायेगा। इस व्रत में जरूरतमंदों को दान करने से बहुत पुण्य मिलता है और इस दिन पीपल के पेड़ में दूध और पानी चढ़ाने से पितर को संतुष्टि प्राप्त होती है। ज्येष्ठ हिंदू पंचांग के अनुसार तीसरा महीना होता है।इसका आखिरी दिन पूर्णिमा होता है।ये पूर्णिमा का पूजन और व्रत खास होता है इसके बाद आषाढ़ महीना शुरू हो जाता है।
व्रत और पूजन का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा सूर्योदय के समय चतुर्दशी तिथि रहेगी। 11:15 पर सुबह पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी।इसलिए इसबार भगवान विष्णु का पूजन और व्रत पूरे विधि विधान से किया जाएगा इस दिन भगवान कृष्ण का अभिषेक शंख में दूध भरकर किया जाता है और शाम में तुलसी के पास दीपक जलाने से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
स्नान दान का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान दान का विशेष महत्त्व होता है साथ ही इस बार की पूर्णिमा पर विशेष योग बन रहा है इसलिए प्रातः काल अन्न दान करके दिन की शुरुआत करें। इस दिन तीर्थ स्थानों में स्नान करने से बहुत पुण्य मिलता है अगर यह संभव ना हो सके तो घर में ही रखे पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करने से उतना ही पुण्य प्राप्त होता है। गरीबों और जरूरतमंदों को कपड़ों और अनाज का दान करने से पितर और भगवान दोनों प्रसन्न होते हैं।