वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 5 मई को, नहीं रहेगा सूतक का प्रभाव, खुले रहेंगे मंदिरों के पट
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ब्रह्म वाक्य डेस्क। वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 5 मई को होगा। सवंत 2080 अर्थात 2023-24 में पृथ्वी पर कुल तीन सूर्यग्रहण एवं एक चंद्र ग्रहण घटित होंगे। इसके अलावा इस वर्ष भू लोक पर दो उपचछाया ग्रहण भी बनेंगे। ज्योतिर्विद जमदग्नि शर्मा ने बताया कि 5 व 6 मई की रात्रि चंद्र ग्रहण आरंभ से समाप्ति तक भारत में देखा जा सकेगा। ग्रहण स्पर्श 5 मई रात्रि 8.44 बजे से, ग्रहण मध्य 5 मई रात्रि 10.53 बजे से एवं ग्रहण मोक्ष या समाप्ति 6 मई प्रात: 1.02 मिनट पर होगा।
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण होगा आज
संवत 2080 में दो उपच्छाया ग्रहण के योग बन रहे हैं, जिनमें से पहला ग्रहण तथा इस वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 5 मई को घटने जा रहा है, जो उपच्छाया ग्रहण होगा। उपच्छाया ग्रहण वास्तव में चंद्रग्रहण नहीं होता है। प्रतीक चंद्रग्रहण के घटित होने से पहले चंद्रमा पृथ्वी के उपचछाया में प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य भी कहा जाता है। इस ग्रहण के समय में चंद्रमा के ऊपर किसी भी प्रकार का ग्रहण नहीं लगेगा बल्कि उसकी चांदनी में थोड़ा सा धुंधलापन आ जाएगा। क्योंकि वास्तविक तौर पर आज होने वाला चंद्र ग्रहण चंद्रमा का उपग्रहण है।
उपच्छाया ग्रहण का सूतक
भारतीय पंचांग ओं की मान्यताओं के अनुसार उपच्छाया ग्रहण में भी किसी भी प्रकार का सूतक प्रभावी नहीं होता है। इसलिए ग्रहण में ग्रहण के सूतक, स्नान, दान इत्यादि का विचार भी नहीं किया जाएगा। ग्रहण से संबंधित यम नियमों के पालन करने की इस तरह ग्रहण में आवश्यकता नहीं होती है। मंदिर के पट इत्यादि खोले जा सकेंगे तथा ग्रहण संबंधी सावधानियां तथा राशियों के ऊपर उसके प्रभाव भी प्रभावी नहीं होंगे।