Belpatra Niyam: इन 6 दिनों तोड़ते है बेलपत्र तो हो जाइए सावधान, जान लें इससे जुड़े कुछ नियम
ब्रह्मवाक्य/धर्म अध्यात्म। भोलेनाथ को सबसे ज्यादा बेलपत्र पसंद हैं। पुराणों में लिखा हैं, की भगवान शिव को सिर्फ बेलपत्र अर्पण करने से सारी पूजा हो जाती हैं। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनको सबसे प्रिय बेलपत्र अर्पण करे। बेलपत्र को चढ़ाने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महीने में कुछ नदीं ऐसे होते है जिस दिन बेलपत्र नहीं तोड़ते आइये जानते है बेलपत्र तोड़ने और चढाने के कुछ नियम –
बेलपत्र कब नही तोड़ना चाहिए-
चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी , अमावस्या और सोमवार को बेलपत्र नही तोड़ना चाहिए।
कैसा होना चाहिए बेलपत्र –
बेलपत्र 3 या 5 पतियों का होना चाहिए। बेलपत्र कटा-फटा नही होना चाहिए। बेलपत्र में ज्यादा लकीरें नही होनी चाहिए।
बेलपत्र चढ़ने का सही तरीका –
अनामिका ,मधिमा और अंगूठे की मदद से चढ़ते है। बेलपत्र के चिकने साइड को भोलेनाथ को स्पर्श करके अर्पित करना चाहिए।
किसके साथ बेलपत्र चढ़ाये सकते हैं-
शहद को बेलपत्र में लगा के अर्पित करने से, जिन विद्यार्थियों का प्रतियोगी परीक्षाओं में बार बार असफलता मिल रही, वो बेलपत्र में शहद लगा कर चढ़ाये ।सफलता जरूर मिलेगी। बेलपत्र में ओम लिख कर चढाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं।