सेंट्रल GST अफसर 7 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार, हैरान कर देगी डील की कुल राशि, पहले ही ले चुके बड़ी रकम
ब्रह्म वाक्य,जबलपुर. दमोह जिले के गुटखा कारोबारी से 7 लाख की रिश्वत लेते सीबीआइ जबलपुर टीम ने सेंट्रल जीएसटी के अधीक्षक कपिल काम्बले को गिरफ्तार किया है। कारोबारी का दावा है कि यह पूरी डील 35 लाख की थी और 25 लाख रुपए काम्बले पहले ही ले चुके हैं। सीबीआइ केस दर्ज कर सेंट्रल जीएसटी के रसल चौक स्थित दफ्तर में जांच कर रही है। देर रात सीबीआई की टीम ने सीजीएसटी अधीक्षक व तीन आरोपी इंस्पेक्टरों के घर की तलाशी ली। जहां से 21 लाख रुपये बरामद होने की बात सामने आई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि पहले रिश्वत में ली गई यह रकम है। मामले में सीजीएसटी के तीन इंस्पेक्टरों को भी नामजद किया है।
सेंट्रल जीएसटी की टीम ने 18 मई को दमोह जिले के नोहटा के गुटखा, तम्बाकू उत्पाद और बीड़ी कारोबारी भागीरथ राय और गिरिराज विजय के ठिकानों पर छापेमारी की। कई अनियमितताएं पाए जाने पर फैक्ट्री व फर्म के दफ्तर को सील कर दिया। फैक्ट्री को रिलीज कराने के लिए भागीरथ राय सीजीएसटी अफसरों के चक्कर लगा रहे थे। इसी सिलसिले में वे सीजीएसटी अधीक्षक कपिल काम्बले से मिले, जिन्होंने फैक्ट्री खोलने की अनुमति देने के एवज में एक करोड़ की रिश्वत मांगी। सौदा 35 लाख में तय हुआ। भागीरथ के दावे के अनुसार, 5 जून को 25 लाख रुपए काम्बले को दे दिए गए थे। शेष 10 लाख रुपए की रकम के लिए दबाव बनाने पर इसकी शिकायत सीबीआइ एसपी जबलपुर से की। पुष्टि होने पर सीबीआइ टीम ने मंगलवार शाम को कार्रवाई की।
रकम पहुंचाने की बात तय होने पर भागीरथ जब सीजीएसटी दफ्तर पहुंचे तो उनके साथ सीबीआइ की टीम भी गई। जैसे ही यह रकम उन्होंने सीजीएसटी अधीक्षक कपिल काम्बले को पकड़ाई, सीबीआइ की टीम ने दबोच लिया। रिश्वतखोरी के इस मामले में सीजीएसटी के तीन इंस्पेक्टर वीरेंद्र जैन, विकास गुप्ता व प्रदीप हजारी को भी आरोपी बनाया है। कार्रवाई में शामिल सीबीआइ निरीक्षक उमेश सिंह ने बताया कि आरोपी के कब्जे से सात लाख रुपए बरामद किए। बाकी पहले दिए गए 25 लाख रुपए के बारे में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।