हाईकोर्ट ने 16 साल की प्रेग्नेंट रेप पीड़िता के अबॉर्शन की दी अनुमति, भ्रूण का होगा DNA टेस्ट, जानिए पूरी घटना
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ब्रह्म वाक्य, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 16 साल की गर्भवती रेप पीड़िता के अबॉर्शन की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही आरोपी को सजा मिले इसके लिए भ्रूण का डीएनए टेस्ट और उसे सुरक्षित रखने को भी हाईकोर्ट ने कहा है। बतादें कि इस मामले में रेप पीड़िता के पिता ने वकील के जरिये याचिका दायर कर हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
जानकारी के मुताबिक खैरागढ़, छुईखदान, गंडई जिले की दसवीं कक्षा की रेप पीड़िता गर्भवती हो गई। उसके पिता ने टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम के तहत अपनी बेटी का अबॉर्शन कराने हाईकोर्ट में एडवोकेट के माध्यम से याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए अबॉर्शन कराने की अनुमति मांगी थी।
बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से मांगी रिपोर्ट
नाबालिग के साथ दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट ने मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से रेप पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है, ताकि समय रहते गर्भपात किए जाने की स्थिति को जाना जा सके। अक्सर ऐसे मामलों में समय बीत जाने की वजह से गर्भपात में खतरा रहता है।
बालाघाट के रहने वाले आरोपी ने की थी वारदात
बतादें कि मध्यप्रदेश के बालाघाट के खेम सिंह साहू ने पहले दसवीं की छात्रा से दोस्ती की, इसके बाद प्यार के झांसे में फंसकर शादी का वादा किया। बीते दिसंबर महीने में आरोपी छात्रा के गांव आया और उसे अपने साथ भगा ले गया। परिजनों ने छात्रा के लापता होने के बाद थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी की तलाश कर उसे गिरफ्तार कर लिया, साथ ही लड़की को परिजनों के हवाले कर दिया।
लड़की के बयानों के आधार पर की कार्रवाई
लड़की के बयानों से पता चला कि आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद पुलिस ने अपहरण के साथ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की। इसी दौरान छात्रा प्रेग्नेंट हो गई। जिसके बाद छात्रा के पिता ने हाईकोर्ट की शरण ली और हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए अबॉर्शन की अनुमति दी है।