पैसेंजर ट्रेनों की जगह अब दौड़ेंगी हाई स्पीड वंदे भारत मेट्रो, जल्द ही बंद हो सकती हैं छोटे रूट की पैसेंजर ट्रेनें
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ब्रह्मवाक्य, भोपाल. देश के तमाम स्टेशनों के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेनें अब जल्द ही इतिहास में दर्ज हो जाएंगी। रेलवे बोर्ड द्वारा फरवरी 2024 तक सभी पैसेंजर के स्थान पर वंदे भारत का मेट्रो वर्जन चलाने की योजना है। इन्हें वंदे मेट्रो ट्रेन का नाम दिया गया है। ये ट्रेनें 4 से 5 कोच के साथ 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेंगी। रेलवे का दावा है कि इससे स्टेशनों के बीच की दूरी कम हो जाएगी और कम समय में लोग यहां पहुंच सकेंगे। डीआरएम, सौरभ बंदोपाध्याय ने बताया कि वंदे मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए रेलवे ने देश भर के रूट का चयन किया है। भोपाल मंडल में इसे लागू करने की तारीख पर अभी चर्चा जारी है।
वर्तमान में दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद, पटना, रांची, जयपुर, भोपाल, अहमदाबाद सहित देश के प्रमुख बड़े शहरों के बीच पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं। इन पैसेंजर ट्रेनों के गति पकड़ने में वक्त लगता है। इससे इनकी रफ्तार भी कम हो जाती है। जबकि वंदे मेट्रो सेल्फ प्रेपेल्ड तकनीकी से चलती है। जिससे ये ट्रेनें तेज गति से चलती है।
लोकल ट्रेनों की रफ्तार
● दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्स. लाइन की गति हाल ही में 90 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 100 किमी की गई है।
● मुंबई मेट्रो ट्रेनों की स्पीड भी 65 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 80 किमी कर दी गई।
● कोलकाता मेट्रो ट्रेनों की टॉप स्पीड 80 किमी प्रति घंटा है। कुछ लाइनों पर गति सीमा पर प्रतिबंध है।