फ्लाइट रद्द होने पर किराया नहीं लौटाना ट्रैवल एजेंसी को पड़ा महंगा, अब देना होगा 89 हजार रुपये हर्जाना, जानिए पूरा मामला
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ब्रह्म वाक्य, ग्वालियर. जिला उपभोक्ता आयोग (उपभोक्ता फोरम) ने कोरोना काल में फ्लाइट रद्द होने पर किराया नहीं लौटाने को सेवा में कमी माना है। आयोग ने कहा, किराया न देकर परिवादी को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। इसके लिए 20 हजार रुपए क्षतिपूर्ति के देने होंगे। केस लड़ने का खर्च 5000 अलग से देना होगा। इस तरह किराया, क्षतिपूर्ति और केस लड़ने का खर्च मिलाकर 88,885 रुपए ट्रैवल एजेंसी को 45 दिन में वापस करने होंगे।
भा रत लौटने के बाद उन्होंने ट्रैवल एजेंसी से किराये के 63885 रुपए वापस मांगे। इस पर उसने कहा कि एयरलाइंस कंपनी से रुपया वापस नहीं मिला है। बार-बार सूचना देने के बाद भी जब किराया वापस नहीं किया तो नवंबर 2022 में सुरेन्द्र यादव ने उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया। इस पर ट्रैवल एजेंसी को नोटिस भेजा गया, लेकिन एजेंसी को ओर से कोई जवाब नहीं आया।
कोरोना के चलते विश्वभर की फ्लाइट हुई थी रद्द
सुरेंद्र यादव व सुशीला यादव ने कार्तिकेय ट्रैवल्स एंड फॉरेक्स हैदराबाद से 16 जुलाई 2020 को वेलिंगटन से नई दिल्ली का टिकट बुक कराया था। कोरोना के चलते विश्वभर की फ्लाइट रद्द हो गई। फ्लाइट रद्द होने की सूचना सुरेंद्र यादव को दी गई। इस वजह से वे न्यूजीलैंड में ही रह गए। वे 30 नवंबर 2020 को भारत आए।