पेंशन तय करने का फॉर्मूला बदल सकता है ईपीएफओ! विकल्प को चुनने की डेडलाइन 26 जून

ब्रह्म वाक्य, नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों के लिए अधिक पेंशन के विकल्प को चुनने की डेडलाइन नजदीक आ रही है। 26 जून तक कर्मचारियों को अधिक पेंशन का विकल्प चुनना है। लेकिन पेंशन की गणना को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, जिससे कर्मचारियों में असमंजस है। कर्मचारियों की चिंता पेंशन कैल्कुलेशन मेथड में पिछली तारीख से होने वाले बदलाव को लेकर है। ईपीएफओ ने हायर पेंशन के अधिकांश सवालों का समाधान सर्कुलर के जरिए कर दिया है, लेकिन पेंशन की गणना कैसे की जाएगी इसका पेंच फंसा हुआ है। ईपीएफओ का कहना है कि इस बारे में एक और सर्कुलर जारी किया जाएगा।

…तो होगा नुकसान
अगर औसत सैलरी निकालने की अवधि बढ़ाई जाती है तो कम पेंशन मिलेगी। ईपीएफओ मेंबर्स को लग रहा है कि अगर हायर पेंशन के लिए आवेदन करते हैं व भविष्य में फॉर्मूले में बदलाव होता है तो उन्हें घाटा होगा।

पेंशन का मौजूदा फॉर्मूला
ईपीएस 95 के तहत पेंशन का मौजूदा फॉर्मूला है-मंथली पेंशन=(पेंशनेबल सर्विस*पेंशनेबल सैलरी)/ 70. जिनकी पेंशनेबल सर्विस और पेंशनेबल सैलरी अधिक होगी उसका पेंशन भी ज्यादा होगी। पेंशनेबल सर्विस पीरियड हर स्थिति में समान रहेगा, पर पेंशनेबल सैलरी को बदला जा सकता है। अगर ईपीएफओ कोई बदलाव करता है और पेंशनेबल सैलरी घट सकती है तो मेंबर को कम पेंशन मिलेगी। सितंबर, 2014 से पहले पेंशनेबल सैलरी की गणना पिछले 12 महीने की औसत सैलरी के आधार पर होती थी, जिसे बदलकर 60 महीने की औसत सैलरी कर दी गई।

BM Dwivedi

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