चित्रकूट के मार्कंडेय आश्रम की भक्तों के बीच फैल रही ख्याति, कितना भी सूखा पड़ जाए पर कम नहीं होता कुंड का पानी
![मार्कंडेय आश्रम चित्रकूट](https://brahmavakya.com/wp-content/uploads/2023/04/New-Project-5.jpg)
ब्रह्मवाक्य. चित्रकूट। चित्रकूट जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर मार्कंडेय आश्रम भक्तों के बीच आस्था का केन्द्र बना हुआ है। यह आश्रम मारकुंडी रेलवे स्टेशन से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम की ओर स्थिति हैं। मार्कंडेय आश्रम की इन दिनों पाठा सहित सतना व चित्रकूट जिले के भक्तों में ख्याति फैल रही है।
आसपास गांव के भक्त रोजाना स्नान कर पूजा अर्चना करते है। वहीं जिनकी मन्नते पूरी हो जाती है। वह भंडार व क्रीर्तन करते है। मार्कंडेय आश्रम एक तरफ अमरावती का आश्रम तो दूसरी तरफ रानीपुर टाइगर रिजर्व का एरिया फैला है। मान्यता है कि कितना भी सूखा पड़ जाए पर कुंड का पानी कम नहीं होता है।
आश्रम की कहानी
मंदिर के पुजारी ने बताया कि सदियों पहले मार्कंडेय ऋषि आश्रम आए थे। यहां आकर तपस्या की थी। तब से यह आश्रम सिद्ध स्थान है। अयोध्या से निकलकर चित्रकूट आने वाली 84 कोसीय यात्रा का यहां विश्राम होता है। क्योंकि भगवान श्रीराम माता सीता व अनुज लक्ष्मण के साथ आए थे। ऐसे में मार्कंडेय ऋषि की तपोस्थली धीरे धीरे आश्रम के रूप में परिवर्तित हो गई।
पूरी होती है मन्नत
क्षेत्र के श्रद्धालु बताते है कि मार्कंडेय ऋषि के पास कई दिव्य शक्तियां थी। जिससे भविष्य में होने वाली चीजों का अंदाजा पहले ही लग जाता था। भक्त कहते हैं कि मार्कंडेय ऋषि की मूर्ति के सामने जो भी सच्चे दिल से कुछ मांगता है। मार्कंडेय ऋषि उसकी मुराद अवश्य पूर्ण करते हैं। मन्नत पूरी होने पर लोग भंडारा आदि करते हैं।
कुंड का नहीं खत्म होता पानी
भक्त कहते है कि मार्कंडेय आश्रम में एक आलौकिक कुंड है। जिसका पानी कभी खत्म नहीं होता है। समीपी गांव के लोग 12 माह 30 दिन स्नान करते है। दावा है कि कुंड के पास पानी झिरता है। जल श्रोत के कारण आश्रम का कुंड अपने आप भर जाता है। जंगलों के बीच बना आश्रम एक रमणीय स्थल है। ऐसे में युवक व युवतियां पिकनिक मनाने आती है।
ऐसे पहुंचे आश्रम
अगर आप चित्रकूट से जा रहे है तो ट्रेन के माध्यम से पहुंच सकते है। साथ ही सड़क मार्ग से जाने पर मानिकपुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर मार्कंडेय आश्रम है। वहीं सतना से जाने वाले लोग 40 किलोमीटर दूर मझगवां पहुंचे। इसके बाद रानीपुर टाइगर रिजर्व के गेट से अंदर प्रवेश करें। 25 किलोमीटर के बाद मारकुंडी कस्बा आएगा। वहां से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर मार्कंडेय आश्रम है।