क्यों बांधते है हाथ में रक्षा सूत्र, जाने धार्मिक महत्त्व और पौराणिक मान्यता
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ब्रह्मवाक्य धर्म अध्यात्म। हिन्दू धर्म मान्यताओं के अनुसार हांथ में कलावा (मौली) बांधना शुभ माना जाता है। माना जाता है की मौली बांधने से सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती हैं। मौली में ब्रम्हा, विष्णु, महेश का अंश माना जाता है। मौली को हिन्दू धर्म में रक्षा सूत्र माना गया है। इसको बांधने से हमें जीवन में आने वाले संकट से सुरक्षा मिलती है। माना जाता है की मौली बांधने की शुरुआत माता लक्ष्मी और राजा बलि ने की थी। मौली बांधने से हमारे आस पास के होने वाले नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर हमारी रक्षा करती है।
मौली बांधने के नियम
मौली को हमेशा बांधने के लिए तीन बार ही घुमाना चाहिए। तीनो फेरों में ब्रम्हा, विष्णु, महेश आकर हमारी रक्षा करते हैं। मौली को कुंवारी कन्या व पुरुष को दाएं हाथ की कलाई पर बांधना चाहिए। और विवाहित महिला, बाईं हांथ की कलाई में बांधना शुभ माना जाता है।
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मौली को कलाई में बांधने के लिऐ सात बार गांठ लगानी चाहिए। माना जाता है की मौली में दैवीय शक्तियां होती है। जो आपको हर मुसीबत से बचाती है। मौली को पहनने व खोलने के कोई नियम नहीं बताएं गए लेकिन यह रक्षा सूत्र है इसे किसी भी समय कभी भी नहीं खोलना चाहिए। मौली को बांधते समय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक मंत्र उच्चारण किया जाता है । येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।