Satna News: सिद्धा पर्वत पर स्थापित होगी वनवासी श्रीराम की 11 फीट ऊंची प्रतिमा, बनकर तैयार, जानिए क्या है खासियत
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ब्रह्म वाक्य, सतना। श्रीराम प्रतिज्ञा स्थल में स्थापित करने 11 फीट ऊंची वनवासी प्रभु श्रीराम की प्रतिमा लगभग तैयार हो चुकी है। ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के ललित कला विभाग के प्राध्यापकों और छात्रों की टीम ने मिल कर इस प्रतिमा को तैयार किया है। सतना सांसद गणेश सिंह की पहल पर ग्रामोदय विवि को यह काम दिया गया है। नो-प्रॉफिट नो-लॉस पर यह प्रतिमा बनाई जा रही है। सिद्धा पहाड़ की चोटी पर स्थापित होने के बाद यह प्रतिमा 5 किलोमीटर दूर से भी लोगों को नजर आएगी। प्रतिमा स्थापित होने के बाद सिद्धा पर्वत में दर्शनार्थियों एवं सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा होगा। बतादें कि यह स्थल राम वन गमन पथ में शामिल है।
प्रतिमा में ये होगी खासियत
ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के ललित कला विभाग के मुख्य कलाकार डॉ राकेश केवट ने बताया कि वनवासी राम की तपस्या, शौर्य, संकल्प, दृढ़ता की छवि को ध्यान में रखते हुए इस प्रतिमा का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि जिस सोच के साथ यह प्रतिमा तैयार की गई है वह राम राज्य की संकल्पना को समाज में स्थापित करने में सहयोग करेगी। इस प्रतिमा के श्रृंगार के पहलुओ पर उन्होंने बताया कि इसमें प्रभु के शारीरिक सौष्ठव के साथ देवत्वता को बोधित श्रृंगार से परिपूर्ण किया जाएगा।
फाइबर ग्लास से बनाई गई प्रतिमा
प्रभु श्रीराम की इस प्रतिमा फाइबर ग्लास से बनाया गया है। प्रतिमा की ऊंचाई करीब 11 फीट है। इसका पैडेस्टल 6 फीट का है। जिस मटेरियल से यह प्रतिमा बनाई गई है वह सभी मौसम के अनुकूल है। इसका वजन करीब 80 किलो के लगभग है। बतादें कि ललित कला विभाग सिर्फ मटेरियल खर्च पर यह प्रतिमा बना रहा है, जिसकी लागत करीब 6 लाख रुपये है। जबकि बाजार से यही प्रतिमा बनाने पर इसकी लागत 15 लाख रुपये लगभग पड़ती।
15 लोगों की टीम ने तैयार की प्रतिमा
ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रसन्न पाठकर के नेतृत्व में 15 लोगों की टीम ने इस भव्य प्रतिमा का निर्माण किया है। इसके मुख्य कलाकार डॉ राकेश केवट है। टीम में डॉ जयशंकर मिश्र, डॉ अभय कुमार वर्मा, अनुज मिश्रा, पूनम प्रजापति, मदन कुमार, रोहित, राजा, जानकी, राममूरत, शिवफूल, सतीश, दीपेन्द्र, प्रवीण, तरुण मौर्या, अरुण कुमार और स्वाति झा शामिल हैं। स्केचिंग का काम अभिलाष ने किया है।