आखिर इतनी जल्दी क्यों? जांच से पहले ही महाकाल लोक से हटा दीं क्षतिग्रस्त प्रतिमाएं, लोकायुक्त टीम को मिली कई खामियां
ब्रह्म वाक्य उज्जैन. महाकाल लोक के करोड़ों के काम में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद सप्तऋषियों की क्षतिग्रस्त प्रतिमाएं महाकाल क्षेत्र से ही हटा दी गईं। जिम्मेदारों ने इस काम में इतनी जल्दबाजी की कि जब लोकायुक्त टीम जांच करने पहुंची तो उसे क्षेत्र में प्रतिमाएं ही नहीं मिली। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब प्रतिमाओं का रिपेयरिंग हो रहा था तो उन्हें रातों-रात क्यों हटा दिया गया?
बतादें कि 28 मई को तेज हवा चलने से महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषियों की 7 में से 6 प्रतिमाएं गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। इन्हें महाकाल लोक के नजदीक पार्किंग परिसर स्थित वर्कशॉप में रखकर 30 मई से रिपेयरिंग शुरू करवाई थी। शासन ने जब खंडित की जगह नई प्रतिमाएं लगाने का निर्णय लिया तो क्षतिग्रस्त प्रतिमाओं को 31 मई की रात में ही अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया। इन प्रतिमाओं को किसी शासकीय जांच एजेंसी या थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन से पहले हटाने से अब फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। इधर, नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने मौके का निरीक्षण कर कहा कि, मूर्तियों के लिए नए नियम बनाएंगे।
लोकायुक्त टीम को पहली नजर में दिखीं ये खामियां
- भगवान शिव के सरभ अवतार की प्रतिमा से रंग निकल रहा है।
- मणिभद्र प्रतिमा के पीछे क्रेक
- भगवान महेश्वर की प्रतिमा में पीठ पर रिपेयरिंग वर्क दिख रहा है।
- समुद्र मंथन में कुछ प्रतिमा के पांव के नीचे रिपेयर वर्क।
- रावण की प्रतिमा के हाथ में क्रेक, रिपेयर कर किया गया है सुधार।
- खंडोबा की प्रतिमा में रिपेयर वर्क।
- शिव बारात प्रसंग में शिव प्रतिमा के हाथ में क्रेक रिपेयर वर्क।
- विवाह प्रसंग में शिव स्वरूप प्रतिमा पर आगे की ओर रिपेयर।
- सरस्वती देवी की प्रतिमा से भी कलर निकल रहा है।
- नृत्यलीला में लीन मां दुर्गा की प्रतिमा की ऊपरी भुजा में क्रेक।
- शिव जटा से गंगा अवतार प्रसंग में शेर के पांव में क्रेक के निशान।
- भैरव प्रतिमाओं में से कुछ के पांवों में रिपेयरिंग वर्क, चबुतरे की फर्शियां उखड़ रहीं।
- त्रिपुरासुर संहार प्रसंग में शिव प्रतिमा के पांव में बेस नहीं, घोड़े के पांव में क्रेक।